
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत जापानी कारों पर लगने वाला टैरिफ 27.5% से घटाकर 15% कर दिया गया है। यह फैसला लंबे समय से अमेरिकी और जापानी ऑटो कंपनियों के बीच चल रही व्यापारिक खींचतान को काफी हद तक सुलझा सकता है।
Toyota, Honda, Nissan जैसी कंपनियों को मिलेगा फायदा
इस कदम से Toyota, Honda, Nissan जैसी जापानी कंपनियों को बड़ी आर्थिक राहत मिलेगी, जो अमेरिका में अपने वाहनों का विशाल निर्यात करती हैं। इससे उनकी गाड़ियां अमेरिकी बाजार में और सस्ती और प्रतिस्पर्धी बनेंगी।
“यह फैसला जापानी ऑटो सेक्टर के लिए गेम-चेंजर है,”
जुलाई में हुआ था समझौता, अब मिला औपचारिक रूप
व्हाइट हाउस के अनुसार, यह कार्यकारी आदेश जुलाई में हुए उस समझौते को आधिकारिक रूप देता है, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका को किए जाने वाले अधिकतर जापानी निर्यात (कारें और दवाएं) पर 15% टैरिफ लागू होगा। यह समझौता कई हफ्तों की वार्ता के बाद संभव हो पाया।
जापान करेगा अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निवेश
इस समझौते के बदले में जापान ने यह भी वादा किया है कि वह अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निवेश करेगा। इसके साथ ही जापान ने यह आश्वासन दिया है कि वह अपने घरेलू बाजार को धीरे-धीरे अमेरिकी उत्पादों के लिए खोलेगा।

यह कदम ट्रेड बैलेंस सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
इंटरनेशनल ट्रेड के लिहाज़ से अहम फैसला
इस फैसले से साफ है कि अमेरिका और जापान व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में गंभीर हैं। इसके साथ ही यह भी संकेत है कि ट्रंप प्रशासन चीन के बाद जापान के साथ व्यापार पर भी दबाव बनाए हुए था।
भारत को भी मिल सकता है अप्रत्यक्ष लाभ
इस डील से ग्लोबल ऑटो इंडस्ट्री में कीमतों और सप्लाई चेन पर असर पड़ सकता है, जिसका अप्रत्यक्ष फायदा भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी मिल सकता है, खासकर अगर भारत अमेरिका या जापान के लिए सप्लायर हब बनता है।
