
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदकर उसे रिफ़ाइन करके ऊंचे दामों पर बेच रहा है, जिससे 16 अरब डॉलर का मुनाफ़ा कमाया गया है।”
उन्होंने कहा कि यह व्यापार रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से ही जारी है और इसे अमेरिका “अस्वीकार्य” मानता है।
चीन बनाम भारत: अमेरिका का दोहरा रवैया?
सीएनबीसी को दिए इंटरव्यू में जब बेसेंट से पूछा गया कि चीन और भारत के साथ अमेरिका का व्यवहार अलग क्यों है, तो उन्होंने जवाब दिया:
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चीन का रूस से तेल आयात सिर्फ 3% बढ़ा
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जबकि भारत का आयात 40% से अधिक बढ़ गया है
“भारत के कुछ सबसे अमीर परिवारों ने इस व्यापार से भारी मुनाफा कमाया है,” – स्कॉट बेसेंट
ट्रंप प्रशासन का कड़ा एक्शन: नया टैरिफ़ लागू
अमेरिका ने 27 अगस्त से भारत पर कुल 50% टैरिफ़ लगाने की घोषणा की है, जिसमें:
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25% अतिरिक्त टैरिफ़ सिर्फ रूसी तेल की खरीद पर लगाया जाएगा
साथ ही, उन्होंने संकेत दिया कि यदि ट्रंप-पुतिन वार्ता में सहमति नहीं बनती, तो भारत पर और भी सख्त प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
भारत का जवाब: “हम अपने राष्ट्रीय हित में काम करेंगे”
भारत ने अमेरिका के इस कदम को अनुचित ठहराया है। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने संसद में कहा:

“भारत अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर बातचीत जारी है, जिसमें
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गैर-संवेदनशील कृषि उत्पाद
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वस्त्र और अन्य वस्तुओं का व्यापार
शामिल हैं।
बातचीत पर असर: छठा दौर टल गया
PTI की रिपोर्ट के अनुसार:
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अब तक 5 दौर की व्यापार वार्ता हो चुकी है
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लेकिन अमेरिका ने 25 अगस्त से प्रस्तावित छठे दौर की बातचीत फिलहाल रोक दी है
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