
पिछले महीने 19 जुलाई को पुरी के बलंगा में हुए एक दुखद आग हादसे में एक नाबालिग बच्ची की जान चली गई। घटना के तुरंत बाद राज्य सरकार ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए बच्ची का इलाज भुवनेश्वर और फिर दिल्ली एम्स में कराया। लेकिन अफसोस, डॉक्टरों की पूरी कोशिशों के बावजूद बच्ची को बचाया नहीं जा सका।
उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव का बयान
ओडिशा के डिप्टी CM केवी सिंह देव ने इस दुखद घटना पर कहा कि सरकार ने बच्ची की जान बचाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए थे। उन्होंने साफ कहा, “राज्य सरकार की ओर से जो भी फैसले लेने चाहिए थे, वे लिए गए। इलाज के लिए दिल्ली एम्स भी भेजा गया, लेकिन उसकी जिंदगी बचाने में डॉक्टर सक्षम नहीं हो पाए।”
साथ ही उन्होंने राजनीतिक दलों को आगाह किया कि ऐसे संवेदनशील मामलों पर राजनीति करने से बचना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब ये राजनीतिक दल सत्ता में थे, तब ऐसी घटनाएं होती थीं।
बच्ची के पिता का बयान
इस मामले में नाबालिग बच्ची के पिता ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहते और किसी पर शक करने से इनकार किया।
पुलिस जांच और स्थिति
ओडिशा पुलिस ने इस घटना को लेकर एक्सप्रेस बयान जारी करते हुए प्रारंभिक जांच में किसी भी व्यक्ति के शामिल होने की आशंका से इनकार किया है।
इलाज और सरकार की पहल
स्थानीय लोगों की मदद से बच्ची को सबसे पहले भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था। बाद में बेहतर इलाज के लिए राज्य सरकार ने बच्ची को दिल्ली एम्स स्थानांतरित किया, जहां उसकी मृत्यु हो गई।
इस दर्दनाक हादसे ने फिर से बच्चों की सुरक्षा और संवेदनशील मामलों में प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं। उम्मीद है कि सरकार ऐसे मामलों को और गंभीरता से लेकर भविष्य में बेहतर सुरक्षा उपाय लागू करेगी।
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