गुरुग्राम तै बणग्या ठेक्यां का बादशाह – बाकी जिल्यां नै बणाया ‘ड्राय डे

शकील सैफी
शकील सैफी

हरियाणा सरकार की नई आबकारी नीति 2025–2027 लागू होते ही, गुरुग्राम ने एक बार फेर बता दिया – जिब बात कमाई की हो, त ठेके के नंबर पर हम सिंगल नहीं, डबल डिजिट वाले हैं!

3,875 करोड़! यानि ठेके कम, खजाना ज्यादा

इस बार 162 शराब ठेक्यां की नीलामी में गुरुग्राम से हरियाणा सरकार नै मिली ₹3,875 करोड़ की कमाई — जो राज्य के कुल एक्साइज राजस्व का 27% बैठै सै।

सबसे महंगा ठेका ₹98 करोड़ में बिक्या, जो अपने आप में देशी भी और विदेशी भी, दोनों ठेकों के रिकॉर्ड तोड़ ग्या!

फरीदाबाद-सोनीपत-सारे ठेके चुप – गुरुग्राम नै मचा दिया हड़कंप

जिला नीलामी राजस्व (₹ करोड़ में)
गुरुग्राम 3,875
फरीदाबाद 1,696
सोनीपत 1,066
रेवाड़ी 654
हिसार 615

नीति पारदर्शी, बोलीदार होशियार!

हरियाणा सरकार नै इस बार नीलामी पूरी ऑनलाइन करवाई, बोली लगाने वाला बोले –

“कागजों में नहीं, अब ठेकों में भी डिजिटल इंडिया आ ग्या सै!”

इसके कारण ज्यादा प्रतिस्पर्धा, ज्यादा बोली, और सरकार की झोली में ज्यादा पैसा

गुरुग्राम का Jackpot = हरियाणा की तरक्की

गुरुग्राम का ठेका कमाया, और अब सरकार बोले सै –

“शराब से मिले पैसे का इस्तमाल स्कूल, हॉस्पिटल, और सड़क बनाने में होगा।”

बाकी जिले भी सोच रहे –
“हम भी गुरुग्राम बण सकै सै, बस बोली में दम और नीति में भरोसा हो।”

ठेकेदार बोले – “के बोलू, रिकॉर्ड टूट्या सै, शराब नहीं!”

एक ठेकेदार बोले –

“पिछले साल तो ठेके चुपचाप बिके, इस साल तै लगता सै गुरुग्राम में ठेक्यां की IPL चल री थी!”

दूसरे ने हँसते हुए कह्या –

“ये कमाई देख के तो मने लगा, गुरुग्राम में ठेका लेना अब स्टार्टअप खोलण नै बराबर सै!”

सरकार के लिए ‘ठेका नीति’ = विकास नीति

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अगुआई में सरकार का फोकस साफ सै —

 पारदर्शी सिस्टम
 राजस्व में बढ़ोतरी
 विकास के नए रास्ते

अब सवाल उठता सै –
“क्या बाकी जिले गुरुग्राम का मॉडल अपनाएंगे? और क्या शराब से मिलेगा हरियाणा को विकास का ‘नशा’?”

“जिब सबनै एक-एक सीट दी, त म्हारे त सारे हरियाणा का ठेका ले लिया!” – विज

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