
पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र की सियासत में सस्पेंस किसी बॉलीवुड थ्रिलर से कम नहीं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, और मीटिंग के बाद 8 मंत्रियों की कुर्सियाँ हिलती दिख रही हैं।
कौन-कौन मंत्री फंसे ‘मुसीबत मंत्र’ में?
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माणिकराव कोकाटे (अजीत गुट) – विधान परिषद में रमी खेलते पकड़े गए, और अब “Game Over” की बारी।
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संजय शिरसाट (शिंदे गुट) – नोटों से भरा बैग लेकर कैमरे में कैद, अब बैग से बाहर निकली फाइल!
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योगेश कदम (राज्य मंत्री, शिंदे गुट) – परिवार के नाम पर बार लाइसेंस, विपक्ष का आरोप – “बार नहीं डांस बार चल रहा है।”
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संजय राठौड़ और भरत गोगावले (शिंदे गुट) – शिकायतें पहुंचीं फडणवीस के दरबार में, अब “करें या मरें” वाली स्थिति।
एक सीनियर नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “सरकार फडणवीस की है, लेकिन रिमोट शाह साहब के पास है।”
‘काम करो वरना घर जाओ’ – पहले ही कर दिया गया था एलर्ट
जब महाराष्ट्र में नई सरकार बनी और मंत्री बने, तभी साफ-साफ कहा गया था – “काम नहीं तो कुर्सी नहीं!”
अब जब स्कैंडल्स की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है, तो बीजेपी खेमे से भी आवाजें उठने लगी हैं कि “अपनों को नहीं, तो इनको हटाओ!”
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आजकल मंत्री बनना उतना कठिन नहीं, मंत्री पद बचाना कठिन है। कैमरे सब तरफ हैं, ट्विटर पर ट्रेंड होना मतलब मंत्रालय से विदाई का आमंत्रण कार्ड।
क्या फडणवीस बनेंगे ‘The Eliminator’?
एक तरफ अमित शाह से मीटिंग, दूसरी तरफ मंत्रियों की शामत – ये सब संकेत हैं कि फडणवीस अपने अंदर के ‘ठोस प्रशासक’ को बाहर लाने वाले हैं।
बीजेपी के लिए 2024 का लोकसभा रिजल्ट भले ठीक आया हो, लेकिन 2025 की सत्ता की सीढ़ी साफ-सुथरे चेहरे से ही चढ़ी जा सकती है।
“स्कैंडल मंत्री Beware!” – अगला नंबर किसका?
अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि लिस्ट में अगला नाम किसका होगा। विपक्ष पहले ही फुल स्पीड में हमला बोल चुका है। अगर आपने गलती से भी रमी खेल ली, बैग उठा लिया या बार खोल लिया — तो मंत्री पद के दिन गिनने शुरू कर दो।
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