
टीम इंडिया की हर कोशिश आखिरी वक्त पर नाकाम रही और वो लॉर्ड्स में 39 साल बाद इतिहास दोहराने से चूक गई। लॉर्ड्स टेस्ट मैच के आखिरी दिन इंग्लैंड ने भारत को 22 रनों से हरा दिया और इसी के साथ सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली। 5 दिन तक चले इस मैच के आखिरी दिन टीम इंडिया को इंग्लैंड पर जीत के लिए 135 रनों की जरूरत थी, जबकि उसके 6 विकेट हाथ में थे। टीम इंडिया को केएल राहुल और ऋषभ पंत जैसे स्टार खिलाड़ियों से उम्मीद थी, लेकिन इंग्लैंड ने पहले सेशन में ही 4 विकेट चटकाकर अपनी हार पक्की कर ली। अब दोनों टीमें मैनचेस्टर में भिड़ेंगी, जहां 23 जुलाई से सीरीज का चौथा टेस्ट खेला जाएगा।
इंग्लैंड ने रोमांचक टेस्ट में भारत को हराया
10 जुलाई को लॉर्ड्स में शुरू हुए इस मैच में शुरुआती चार दिनों तक कड़ी टक्कर देखने को मिली और दोनों टीमें बराबरी पर रहीं। यह रोमांच आखिरी दिन तक जारी रहा, जब मैच का नतीजा तय हो गया। इंग्लैंड को दूसरी पारी में 192 रनों पर आउट करने के बाद टीम इंडिया को जीत के लिए 193 रनों का लक्ष्य मिला। टीम इंडिया ने इस मैदान पर लक्ष्य का पीछा करते हुए सिर्फ एक बार 1986 में जीत हासिल की थी। ऐसे में 39 साल पुराना इतिहास दोहराने का मौका था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।
स्टार बल्लेबाज़ रहे फ्लॉप
चौथे दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया ने 4 विकेट गंवा दिए थे, जबकि सिर्फ 58 रन ही बना पाई थी। यहां से टीम इंडिया की जीत मुश्किल लग रही थी। हालांकि, सबकी निगाहें केएल राहुल पर थीं, जो चौथे दिन 33 रन बनाकर नाबाद लौटे थे। आखिरी दिन उनके साथ ऋषभ पंत बल्लेबाजी करने आए और उनके पिछले इतिहास को देखते हुए भारतीय फैंस की उम्मीदें अभी भी जिंदा थीं। लेकिन आखिरी दिन के तीसरे ओवर में जोफ्रा आर्चर ने शानदार गेंद पर पंत को बोल्ड कर इन उम्मीदों को बड़ा झटका दिया। इसके ठीक तीन ओवर बाद बेन स्टोक्स ने राहुल को एलबीडब्ल्यू आउट कर भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
रवींद्र जडेजा का जुझारू अर्धशतक
इसके बाद वाशिंगटन सुंदर को पवेलियन लौटने में ज़्यादा देर नहीं लगी, जिन्हें आर्चर ने अपनी ही गेंद पर डाइव लगाते हुए एक हाथ से शानदार कैच लेकर वापस पवेलियन भेजा। सिर्फ़ 82 रन पर 7 विकेट गिर जाने से हार पक्की लग रही थी। हालाँकि, इस दौरान रवींद्र जडेजा और नीतीश कुमार रेड्डी के बीच 30 रनों की साझेदारी ने कुछ उम्मीद जगाई, लेकिन पहले सत्र के आखिरी ओवर में क्रिस वोक्स ने रेड्डी को आउट कर दिया। लंच के बाद दूसरे सत्र में बाकी बचे 2 विकेट गिरने में ज़्यादा देर नहीं लगी और टीम इंडिया 132 रनों पर ऑलआउट हो गई।