25 Nov Ka Panchang: मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष का शुभ-अशुभ मुहूर्त व नक्षत्र

ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का महत्व उतना ही है जितना ट्रैफिक में सिग्नल का— गलत मोड़ लिया तो काम अटक सकता है, सही समय चुना तो सब मंगलम-भगवतम!

25 नवंबर 2025, मंगलवार को मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि पड़ रही है। आज के दिन पूजा, व्रत और दान को अत्यंत शुभ माना गया है।

25 नवंबर 2025

हिन्दू कैलेंडर

  • शक संवत: 1947 (विवस्वत)
  • विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
  • माह: मार्गशीर्ष
  • पक्ष: शुक्ल
  • तिथि: पंचमी (10:57 PM तक), फिर षष्ठी

नक्षत्र और योग

  • नक्षत्र:
  • उत्तराषाढ़ा – 11:57 PM तक
  • उसके बाद श्रवण
  • योग:
  • गण्ड योग – 12:49 PM तक
  • उसके बाद वृद्धि योग

करण

  • बव – 10:13 AM तक
  • बालव – 10:57 PM तक
  • उसके बाद कौलव

सूर्य-चंद्र समय

  • सूर्योदय: 6:51 AM
  • सूर्यास्त: 5:36 PM
  • चन्द्रोदय: 10:55 AM
  • चंद्रास्त: 9:50 PM

अशुभ काल

  • राहुकाल: 2:55 PM – 4:15 PM
  • यमगण्ड: 9:32 AM – 10:53 AM
  • कुलिक: 12:13 PM – 1:34 PM
  • दुर्मुहूर्त: 09:00 AM – 09:43 AM, 10:54 PM – 11:47 PM

शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:52 AM – 12:35 PM
  • अमृत काल: 5:23 PM – 7:07 PM
  • ब्रह्म मुहूर्त: 5:15 AM – 6:04 AM
  • प्रदोष काल: 6:31 PM – 7:41 PM

आज की राशियाँ

  • सूर्य राशि: वृश्चिक
  • चंद्र राशि: मकर

आज का दिन/रात का चौघड़िया

दिवस चौघड़िया

  • रोग – 06:51 AM – 08:12 AM
  • उद्बेग – 08:12 AM – 09:32 AM
  • चर – 09:32 AM – 10:53 AM
  • लाभ – 10:53 AM – 12:13 PM
  • अमृत – 12:13 PM – 01:34 PM
  • काल – 01:34 PM – 02:55 PM
  • शुभ – 02:55 PM – 04:15 PM
  • रोग – 04:15 PM – 05:36 PM

रात्रि चौघड़िया

  • काल – 05:36 PM – 07:15 PM
  • लाभ – 07:15 PM – 08:55 PM
  • उद्बेग – 08:55 PM – 10:34 PM
  • शुभ – 10:34 PM – 12:14 AM
  • अमृत – 12:14 AM – 01:53 AM
  • चर – 01:53 AM – 03:33 AM
  • रोग – 03:33 AM – 05:12 AM
  • काल – 05:12 AM – 06:52 AM

त्योहार और व्रत

  • विवाह पंचमी

विवाह, खरीदारी, नए काम, नया वाहन या शुभ शुरुआत करना अत्यंत फलदायी रहेगा। पंचमी + मंगलवार का योग कई लोगों के लिए भाग्यशाली साबित होगा।

पंचांग का महत्व – क्यों जरूरी है?

पंचांग के पाँच अंग— तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण— दिन के शुभ-अशुभ समय का सटीक निर्धारण करते हैं।

इसी पर आधारित होता है:

  • शुभ कार्य
  • दान-पुण्य
  • विवाह
  • नया व्यापार
  • खरीदारी
  • यात्रा मुहूर्त

चंद्रमा की स्थिति के अनुसार नक्षत्र और राशि बदलते हैं, और यहीं से शुरू होती है दिन की ज्योतिषीय ऊर्जा की असली कहानी।

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