
यही हाल हुआ पाकिस्तान का ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, जब भारत ने अपनी ब्रह्मोस मिसाइल से ऐसा झटका दिया कि वहां के नेता और रक्षा विशेषज्ञ तक कह उठे — “हमारी तैयारी उस स्तर की थी ही नहीं!”
भारत की इस मिसाइल ने न सिर्फ पाकिस्तान की नींद उड़ा दी, बल्कि दुनिया को यह भी दिखा दिया कि भारतीय सेना और तकनीक अब सिर्फ बातों की नहीं, ब्रह्मोस जैसी सटीक और तेज़ हथियारों की भाषा बोलती है।
जहां पाकिस्तानी रडार मिसाइल को ट्रैक करने में उलझे, वहीं भारत की यह सुपरसोनिक ताकत पहले ही अपना काम कर चुकी थी। ब्रह्मोस मिसाइल आखिर है क्या, क्यों पाकिस्तान के पसीने छूटे, और कैसे यह भारत की सैन्य शक्ति का सबसे तेज़ और सटीक चेहरा बन चुकी है।
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राणा सनाउल्लाह का चौंकाने वाला बयान
पाक पीएम शहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने कबूल किया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल दागी थी। उनका कहना है कि पाकिस्तान के पास यह तय करने के लिए केवल 30 से 45 सेकंड थे कि मिसाइल में परमाणु हथियार है या नहीं।
जवाबी हमला? वक्त ही नहीं था!
सनाउल्लाह के मुताबिक, जब ब्रह्मोस नूर खान एयरबेस की ओर बढ़ रही थी, तब पाकिस्तान की सेना सिर्फ अनुमान ही लगा सकती थी कि ये ब्लफ है या ब्लास्ट। 30 सेकंड में तो पाकिस्तान शायद तय भी न कर पाए कि जवाबी हमला करना है या टिक-टॉक वीडियो बनाना है।
ब्रह्मोस की सबसे खतरनाक खूबी: “कहीं से भी, कभी भी”
ब्रह्मोस की एक बड़ी ताकत यह है कि इसे जमीन, समंदर और आसमान – कहीं से भी दागा जा सकता है। इसे Su-30MKI फाइटर जेट से भी लॉन्च किया जा सकता है, यानी पाकिस्तान को यह तक पता नहीं चलेगा कि अगली मिसाइल “कहाँ से आई, कहाँ गई!”

भारत-रूस की दोस्ती का फल: ब्रह्मोस
1998 में DRDO और रूस की NPO Mashinostroyenia ने मिलकर इस मिसाइल को विकसित किया। इसका नाम दो नदियों – ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा – पर रखा गया है। यानी जल भी हमारा, मिसाइल भी हमारी, और जवाब… वो भी हमारी मर्जी से!
दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
ब्रह्मोस की स्पीड Mach 2.8 से 3.0 तक होती है। इतनी तेज़ कि पाकिस्तानी रडार उसे देखे इससे पहले ही वह ‘अलविदा’ कह चुकी होती है।
“ये मिसाइल तो पूछे बिना ही RSVP भेज देती है!” – अजीत उज्जैनकर
सटीक निशाना, एक मीटर से भी कम CEP
इस मिसाइल में GPS/GLONASS तकनीक का इस्तेमाल होता है, जिससे इसका सटीकता स्तर 1 मीटर से भी कम होता है। यानी अगर आपने बालकनी में चाय रखी है, और टारगेट वही है – तो बचेगा न चाय, न कप!
ब्रह्मोस-2: और तेज़, और ख़तरनाक
भारत अब ब्रह्मोस-2 पर भी काम कर रहा है, जो Hypersonic वर्जन होगा। इसका मतलब? पाकिस्तान के पास अब सोचने का भी वक्त नहीं होगा, शायद सांस लेने का भी नहीं।