बाढ़ जिहाद नहीं, यह ‘जंगल जिहाद’ निकला मेघालय का यूएसटीएम

Lee Chang (North East Expert)
Lee Chang (North East Expert)

मेघालय के री-भोई जिले में स्थित University of Science & Technology Meghalaya (USTM) अब “University of Scandal & Trouble Meghalaya” बनती नजर आ रही है। सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश पर गठित केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) की हालिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि विश्वविद्यालय वन संरक्षण अधिनियम, 1980 की अवहेलना करते हुए 13.62 हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध रूप से बना है

हिमंत का आरोप और अब रिपोर्ट की पुष्टि

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पिछले वर्ष “बाढ़ जिहाद” का जो सनसनीखेज आरोप लगाया था, वह अब “वन जिहाद” की शक्ल ले चुका है।

“इस विश्वविद्यालय ने गुवाहाटी में बाढ़ का कारण बना — यह एक पर्यावरणीय आतंकी हमला है” — सरमा (2023)

सिर्फ USTM ही नहीं, उसी संस्था द्वारा प्रस्तावित पी. ए. संगमा मेमोरियल मेडिकल कॉलेज ने भी 7.64 हेक्टेयर वन भूमि को नुकसान पहुँचाया है।

CEC रिपोर्ट: आंकड़ों में अपराध

मुद्दा विवरण
कुल वन भूमि 25 हेक्टेयर
अवैध निर्माण 13.62 हेक्टेयर (USTM), 7.64 हेक्टेयर (Medical College)
जुर्माना ₹150.35 करोड़
कार्रवाई एक साल में वन बहाली का आदेश

“फॉरेस्ट है तो फ्यूचर है” — लेकिन USTM ने यह भूला दिया

CEC रिपोर्ट में कहा गया है कि भूमि को तोड़ने का कार्य “विनाशकारी तरीके” से किया गया। बिना किसी केंद्रीय मंजूरी के निर्माण कार्य हुआ। मेघालय वन विनियमन, 1973 का भी उल्लंघन किया गया।

एजुकेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर या ईकोलॉजिकल डिजास्टर?

शिक्षा की नींव पर खड़ा किया गया ढांचा यदि पर्यावरण को कुचल कर बना हो, तो वह ज्ञान नहीं, ‘ग्लोबल वार्मिंग’ का क्लासरूम बन जाता है।

सुप्रीम कोर्ट पैनल ने कहा कि “अंधाधुंध विनाश” के सबूत स्पष्ट हैं, और स्थानीय इकोसिस्टम को स्थायी क्षति पहुंचाई गई है।

गुवाहाटी की बाढ़: सिर्फ बारिश नहीं, यह ‘रिटर्न ऑन डिफॉरेस्टेशन’ है

गुवाहाटी, जो कि USTM के डाउनस्ट्रीम क्षेत्र में है, वहां की बार-बार आने वाली बाढ़, वन कटाई और पहाड़ी कटाव से जुड़ी है। सरमा के आरोप अब पर्यावरणीय अध्ययन और CEC रिपोर्ट के साथ मेल खाते हैं।

USTM प्रकरण केवल एक विश्वविद्यालय का मामला नहीं है, यह उस मानसिकता का प्रतिबिंब है जो विकास को विनाश से अलग मानने से इंकार करती है। ₹150 करोड़ जुर्माना और भूमि बहाली के आदेश से साफ है कि प्रकृति से खेल का अंत अब शुरू हो चुका है।

“Education is not development if it destroys the environment.”

“गुप्त बातें GPT से की थी? अब हिस्ट्री मिटाओ चैट में बखेड़ा हो सकता है!”

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