चीन को मोहलत, भारत को धमकी? ट्रंप भैया, नमक तो हमारा भी खाया है

Ajay Gupta
Ajay Gupta

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से अपने व्यापारिक बटुए की तलवार निकाल ली है। भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ़ लगाने का ऐलान किया गया — और वो भी बस तीन हफ्तों में लागू करने की चेतावनी के साथ। अब ज़रा सुनिए, चीन को 90 दिन की मोहलत, और हमें – “चल हट बे!” स्टाइल तीन हफ्ते। वाह ट्रंप जी, इतनी जल्दी तो आम आदमी को ऑनलाइन आर्डर की डिलीवरी नहीं मिलती।

थरूर बोले – “ये अन्याय है, संकेत साफ हैं!”

कांग्रेस के शब्दों के शहंशाह शशि थरूर ने संसद भवन के बाहर तड़के ही अपना वोकैबुलरी टॉरनेडो छोड़ा।

उन्हें कहना था:

“ये अन्याय है, संकेत मिल रहे हैं वाशिंगटन से… भारत को किसी का ‘पंचिंग बैग’ नहीं बनने देंगे!”

और फिर बोले – “अगर अमेरिका 25% लगाए, तो हम 50% टैक्स लगा दें… बोलो, अब कौन किंग है?”

थरूर की बातों में थोड़ा बुद्धिजीवी ताना, थोड़ा देसी घमंड और हल्का सा भुट्टा ठेला वाला गुस्सा भी महसूस हुआ।

“हम ट्रंप के भरोसे रोटी नहीं खा रहे”: इमरान मसूद का तीखा तड़का

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने तो सीधे कढ़ाही में तेल चढ़ा दिया।

उन्होंने कहा:

“अगर ट्रंप के भरोसे रोटी चलती, तो ईरान वाले भूखे मर जाते!” “हमें अब बोलने से नहीं, बनाने से आत्मनिर्भर होना होगा।”

उनका इशारा साफ था – “ट्रंप जी, हम चिकन बकेट नहीं, पानीपुरी खाते हैं।”
हम एक ऐसा देश हैं जहां जलेबी भी उल्टी बनती है, और फिर भी सीधी पचती है।

अमेरिका को जवाब चाहिए, पर हमारा बिल कौन भरेगा?

अब सवाल ये है – अगर अमेरिका हमें “टैक्स थप्पड़” मारे, तो क्या हम फेयर एंड लवली लगाकर चुप बैठें?

कई सोशल मीडिया योद्धाओं ने सुझाव दिया है:

  • अमेरिकी ब्रांड्स पर 50% टैक्स

  • iPhone की कीमत में एक बकरी फ्री

  • McDonald’s के McAloo Tikki में GST के साथ भावनात्मक टैक्स भी लागू हो

सिरी बोलेगी – “Sorry, India blocked me due to Nationalism!”

अगर भारत अमेरिका के डिजिटल प्रोडक्ट्स पर टैक्स लगा दे, तो शायद कल से…

  • Siri बोले – “भारत की आत्मनिर्भरता से मैं डर गई हूं!”

  • Netflix – “Loading… Buffering… Bye!”

  • Amazon – “आर्डर कैंसिल, क्योंकि ट्रंप भाई भड़क गए हैं।”

व्यापार युद्ध में शब्द भी हथियार हैं

डोनाल्ड ट्रंप का ये नया टैरिफ़ धमाका सिर्फ़ व्यापार नहीं, राजनीतिक मिर्च मसाला भी है।

शशि थरूर और इमरान मसूद जैसे नेताओं की प्रतिक्रिया से साफ है कि:

अब हम चुप नहीं रहेंगे, ना ट्रंप के भरोसे रोटी खाएंगे!
हम खुद की ‘देसी डिजिटल डोसा इकॉनॉमी’ बनाएंगे — जहां हर प्लेट के साथ एक बयान मुफ्त मिलेगा!

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