
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि वे शुक्रवार को मध्य पूर्व का दौरा करने वाले हैं — एक बार फिर कैमरे और कॉन्फ्रेंस माइक के बीच। यह दौरा इजरायल और हमास के बीच गाजा शांति योजना पर बनी सहमति के बाद हो रहा है।
ट्रंप पहले इजरायल, फिर शायद मिस्र
व्हाइट हाउस के अनुसार ट्रंप की पहली लैंडिंग इजरायल में हो सकती है और मिस्र भी उनके नक्शे में है। हालांकि किन-किन देशों में “ट्रंप टचडाउन” होगा, इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
शायद ट्रंप अपने प्राइवेट जेट की तरह, प्लान भी लास्ट मिनट पर बदलते हैं!
इजरायल-हमास: ‘No More War’ पर अस्थायी सहमति
ट्रंप के मुताबिक, उनकी गाजा शांति योजना के पहले चरण पर हमास और इजरायल दोनों सहमत हो गए हैं। इसमें 20 जीवित बंधकों की रिहाई, इजरायली सेना की सीमित वापसी, सहायता सामग्री की एंट्री और भविष्य में स्थायी युद्धविराम का रोडमैप शामिल है।
ट्रंप बोले:
“It’s a big step towards real, lasting peace. All sides will be treated fairly.”
(यह तो वही बात हो गई, जैसे बॉस बोले – “दोनों पार्टियों की गलती है,” फिर अपने फेवरेट को प्रमोशन दे दें।)
नेतन्याहू बोले – ‘ईश्वर की मदद से सभी बंधक घर आएंगे’
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्वीट किया – “ईश्वर की मदद से, हम सभी को वापस लाएंगे।”

हालांकि फिलहाल, जनता को ईश्वर से ज्यादा राजनीतिक स्पष्टता की ज़रूरत है।
गाजा: सिर्फ बंधक नहीं, पूरा शहर बंधक!
हमास ने पुष्टि की है कि 20 इजरायली बंधकों की रिहाई होगी, इजरायली सेना गाजा से वापस लौटेगी और कैदियों की अदला-बदली होगी।
लेकिन असली सवाल अब भी वही – क्या युद्ध वाकई खत्म हो रहा है या ये सिर्फ अगली लड़ाई से पहले का इंटरवल है?
कहानी में ट्विस्ट: गाजा में अभी भी तबाही, दुनिया में नाराज़गी
हालांकि डील के बाद भी हजारों फिलिस्तीनी मौतें। गाजा का बुनियादी ढांचा तबाह। प्रोटेस्ट दुनियाभर में और इजरायल पर लगे नरसंहार के आरोप अभी भी हेडलाइन में हैं।
शांति की शुरुआत तब होती है जब किसी के पास खोने को कुछ नहीं बचता। गाजा उस मोड़ पर खड़ा है।
“नोबेल का ट्रंप कार्ड”: क्या ट्रंप वाकई शांति दूत हैं या अवॉर्ड के भूखे हैं?