
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिनका एक बयान कभी सिर्फ बयान नहीं होता बल्कि अंतरराष्ट्रीय हलचल का ट्रिगर होता है, उन्होंने अब वेनेज़ुएला में CIA मिशन की मंजूरी देकर एक नया “Spicy Chapter” खोल दिया है।
ट्रंप ने ओवल ऑफिस में बड़े ठसके से घोषणा की:
“मैंने CIA को दो वजहों से मंजूरी दी:
वेनेज़ुएला ने अपनी जेल के कैदियों को अमेरिका भेजा!
बहुत सारा ड्रग्स आ रहा है – समुद्र से भी!”
उनका अंदाज़ सुनकर लगा जैसे वे CIA को टूरिस्ट वीजा पर भेज रहे हों, पर असल में मामला गंभीर है – खासकर वेनेज़ुएला के लिए।
ड्रग्स के नाम पर ड्रामा?
पिछले कुछ हफ़्तों में अमेरिकी फोर्सेस ने कैरिबियन सागर में ड्रग्स के शक में जहाजों पर हमला किया – और नतीजा? 27 मौतें। UN के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने इन कार्रवाइयों को “ग़ैर-कानूनी हत्याएं” करार दिया। यानि अमेरिका ने ड्रग्स से निपटने के नाम पर Call of Duty real-life mode ऑन कर दिया है।

मदुरो की विनम्र गुहार: “भाई, थोड़ा Chill करो!”
वहीं वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने TV पर आकर अमेरिका से शांति की अपील की। शायद सोच रहे थे कि TV चैनल बदलकर ट्रंप का मूड बदल जाएगा।
पर ट्रंप तो बोले:
“हम सिर्फ ड्रग्स नहीं रोकेंगे, ज़मीन से भी रोकेंगे। और हां, जेल से अमेरिका में कैदी भेजना बंद करो वरना…”
(वरना क्या? CIA का सीक्वल?)
CIA का ट्रैक रिकॉर्ड: South America Edition
वैसे तो ट्रंप ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर बात करने से इनकार नहीं किया, बल्कि बिंदास अंदाज़ में दावा ठोक दिया। लेकिन सच्चाई ये है कि CIA का साउथ अमेरिका में इतिहास कुछ वैसा है जैसे बॉलीवुड में रीमेक फिल्मों का – हर दशक में एक नया मिशन।
“गाज़ा में अमन की दस्तक! ट्रंप बोले- बंधक छूटेंगे, फौज हटेगी”