
नागालैंड की राजनीति में बड़ा धमाका हुआ! राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सात विधायक सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) में शामिल हो गए। इससे मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की पार्टी ने विधानसभा में बहुमत का स्वाद चख लिया। NDPP के विधायकों की संख्या अब 25 से बढ़कर 32 हो गई है।
तेज प्रताप यादव ने लालू को दिखाया ‘धृतराष्ट्र स्टाइल’ गुस्सा, तेजस्वी को अर्जुन
अजित पवार गुट को छोड़, सत्ताधारी खेमे में ‘घर वापसी’
NCP में पिछले कुछ समय से अंदरूनी फूट चल रही थी। नागालैंड की NCP इकाई ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट का समर्थन किया था, लेकिन अब इन सात विधायकों ने खुद को सत्ताधारी खेमे में ला दिया। विधानसभा अध्यक्ष शारिंगैन लोंगकुमेर ने कहा कि सातों विधायकों ने अपने विलय पत्र सौंपे, और यह संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत पूरी तरह वैध है।
नेफ्यू रियो को बहुमत का ‘बूस्टर डोज’
राज्य सरकार के मंत्री के जी केन्ये ने भी इसकी पुष्टि की और कहा कि इससे मुख्यमंत्री और सरकार की स्थिति और मजबूत होगी। उन्होंने सीट बंटवारे पर संभावित असर की आशंका को दरकिनार करते हुए कहा, “कोई स्थायी फॉर्मूला नहीं है।” NDPP के साथ भाजपा, NPP, LJP, NPF, RPI, जद(यू) और निर्दलीयों की ताकत अब और बढ़ गई है।

NCP में अंदरूनी घमासान और सीट की सियासत
NCP के नेताओं से इस विलय पर कोई बयान नहीं मिला, लेकिन नागालैंड की राजनीति में यह घटनाक्रम सियासी भूचाल जैसा है। अजित पवार गुट की पकड़ कमजोर होने और NDPP की मजबूती ने साफ कर दिया कि नागालैंड में सत्ता की नाव अब और मज़बूत बह रही है।