इंग्लैंड के हल शहर में एक जिम के बाहर खड़ी एक 13 साल की लड़की को उस वक्त नहीं पता था कि वो एक दिन ब्रिटेन की पहली सिख महिला प्रो बॉक्सर कहलाएगी।वो लड़की थीं चरण कौर ढेसी, जिनकी कहानी हर उस लड़की के लिए मिसाल है जो अपनी पहचान के लिए जूझ रही है। बॉक्सिंग बनी प्लान A और प्लान B – कोई Back-Up नहीं! ढेसी बताती हैं, “लोग पूछते थे – अगर चोट लग गई तो शादी कौन करेगा? क्या तुम किचन में नहीं होनी चाहिए?” उनका जवाब…
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