13 December 2001: संसद का शोर गोलियों में बदला | Attack Story

साल था 2001, तारीख 13 दिसंबर। भारत की संसद—जहां देश के भविष्य पर फैसले होते हैं—उस दिन बहस और हंगामे से गूंज रही थी। महिला आरक्षण बिल पर चर्चा चल रही थी। सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने थे।लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि संसद का यह शोर कुछ ही मिनटों में AK-47 की गोलियों में बदल जाएगा। जब आतंक संसद के दरवाजे तक पहुंच गया अचानक खबर आई— 5 आतंकी संसद परिसर में घुस चुके हैं। हाथों में AK-47, आंखों में नफरत और इरादों में भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था…

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