Gumi का स्टेडियम खामोश था। न तालियां, न शोर, न भीड़। लेकिन जब Jyothi Yarraji ने फिनिश लाइन पार की, तो उस सन्नाटे में भी एक आवाज़ गूंज उठी — भारत की जीत। यह सिर्फ एक gold medal run नहीं था, यह उन लाखों सपनों की दौड़ थी जो संघर्ष में जन्म लेते हैं और उम्मीद पर खत्म होते हैं। Visakhapatnam से Asian Podium तक एक modest household से निकलकर Asia की सबसे ऊंची एथलेटिक सीढ़ी तक पहुंचना आसान नहीं होता।Jyothi Yarraji की journey में— आर्थिक तंगी। सीमित संसाधन और…
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