जानिए कौन थे महंत दिग्विजयनाथ हिंदू महासभा के राष्ट्रपति- अनसुने किस्से

चित्तौड़ की आत्मा भले राजस्थान में हो, पर उसका तेज गोरखपुर की गलियों में भी जलता है – उस व्यक्ति के ज़रिए, जिसे हम महंत दिग्विजयनाथ के नाम से जानते हैं।28 सितंबर को उनके ब्रह्मलीन दिवस पर यह समझना जरूरी है कि क्यों गोरखपुर सिर्फ शिक्षा, साधना और सत्ता का केंद्र नहीं, संघर्ष, स्वाभिमान और संस्कार का केंद्र भी है। पांच साल की उम्र में आए थे गोरखपुर, फिर कभी चित्तौड़ नहीं लौटे महंत दिग्विजयनाथ का जन्म उदयपुर के राणा वंश में हुआ – वही वंश जिसने अकबर जैसे बादशाह…

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