एक समय था जब बिहार बीजेपी का मतलब था – शत्रुघ्न सिन्हा की दमदार आवाज़, रवि शंकर प्रसाद की संवैधानिक धमक, शाहनवाज हुसैन का अल्पसंख्यक चेहरा, और राजीव प्रताप रूडी का संसदीय अनुभव। अब? शत्रुघ्न सिन्हा पहले ही पार्टी छोड़ के “खामोश” हो गए। बाक़ी बचे लोग अब पार्टी के वेटिंग रूम में बैठे लगते हैं। टीवी पर कब दिखे थे याद नहीं, X पर कभी-कभी दिख जाते हैं आजकल इन दिग्गजों को टीवी डिबेट्स में देखना अलका याग्निक के नए गाने सुनने जितना दुर्लभ हो गया है। रवि शंकर प्रसाद…
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