अखिलेश केदारनाथ बना बैठे, शंकराचार्य बन बैठे क्या-अब काबा भी बनवायेंगे ?

हर साल की तरह सावन आया। नेता लोग भक्तिभाव से ट्वीट कर रहे थे। लेकिन इस बार अखिलेश यादव ने सिर्फ बधाई नहीं दी, एक पूरी बहस छेड़ दी — जोतिर्लिंग की लोकेशन पर।उन्होंने ट्वीट में सावन की शुभकामनाएं दीं — और फोटो चिपका दी निर्माणाधीन केदारनाथ मंदिर की। अब लोगों का सवाल है: “जोतिर्लिंग तो शाश्वत होता है। उसकी तस्वीर CGI या 3D मॉडल से नहीं बदली जा सकती।” क्या जोतिर्लिंग का स्थान बदला जा सकता है? ठीक वैसे जैसे काबा की लोकेशन पवित्र है और अटल — वैसे…

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डार्लिंग, धर्म कोई स्टार्टअप नहीं है! पहले ग्रंथ पढ़ो, फिर प्रवचन दो

आजकल धर्म इतना “ट्रेंडिंग” हो गया है कि कुछ लोग इसे स्पिरिचुअल स्टार्टअप बना बैठे हैं। सोशल मीडिया पर दो श्लोक, तीन कहानी और चार चुटकुलों के साथ “धर्मगुरु” बनना जैसे कोई कोर्स हो गया हो। पर, डार्लिंग… धर्म कोई स्क्रिप्टेड शो नहीं है! बल्ले-बल्ले! MSP पर मूंग-उड़द की खरीद का ऐलान धर्मग्रंथ पढ़ो, फिर प्रवचन दो उपदेश देना जितना आसान है, धर्मग्रंथों को सही से पढ़ना उतना ही गंभीर और आवश्यक कार्य है। हर श्लोक का मतलब होता है संदर्भ सहित। लेकिन “क्लिप-बेस्ड आध्यात्म” का दौर चल पड़ा है –…

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गीता प्रेस: 100 सालों से धर्म, शिक्षा और संस्कार की अद्भुत साधना

भारत की धरती पर अगर किसी संस्था ने धार्मिकता, शिक्षा और संस्कृति को एक साथ पिरोने का काम किया है, तो वह है गीता प्रेस गोरखपुर। वर्ष 1923 में सेठ जयदयाल गोयनका द्वारा स्थापित यह संस्था आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में हिंदू धर्मग्रंथों और बच्चों के साहित्य के लिए प्रसिद्ध है। गीता प्रेस की नींव: एक कमरे से शुरू होकर दो लाख वर्ग मीटर तक का सफर 1923 में गोरखपुर के उर्दू बाजार स्थित एक किराए के कमरे से शुरू हुई यह यात्रा आज 2 लाख…

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जब हनुमान जी बने ‘पंचमुखी पावरहाउस’!

हनुमान जी, जिन्हें संकटमोचन, भय नाशक और कष्ट विनाशक के रूप में पूजा जाता है, उन्होंने एक बार इतना अद्भुत रूप धारण किया कि सारा ब्रह्मांड चकित रह गया। ये था — पंचमुखी हनुमान रूप। आइए जानते हैं इस रूप के पीछे छुपे गूढ़ रहस्य और कहानियां। मोदी जी फिर बिहार में! सीवान से 2025 की बाज़ी सेट अहिरावण वध: संकट में श्रीराम, जवाब में पंचमुखी अवतार जब लंकापति रावण का भाई अहिरावण श्रीराम और लक्ष्मण का पाताल लोक में अपहरण करता है, तो सारा युद्ध-मैदान नींद में डूब जाता…

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शिव बनाम विष्णु? जानिए क्यों अलग हैं शैव और वैष्णव

हिंदू धर्म अपने भीतर कई उपासना पद्धतियों और दर्शन का समावेश करता है। इसमें प्रमुख रूप से दो परंपराएँ हैं — शैव और वैष्णव। ये दोनों धाराएँ भगवान के विभिन्न रूपों की आराधना करती हैं, लेकिन इनकी मान्यताएँ, प्रतीक और अनुष्ठान में कई दिलचस्प अंतर हैं। ऑपरेशन सिंदूर से यूपी चुनाव तक, क्या कह रहे हैं NCP के धनञ्जय शर्मा? शैव कौन होते हैं? शैव वे अनुयायी होते हैं जो भगवान शिव को सर्वोच्च ईश्वर मानते हैं। शिव को संहारक, तपस्वी, और ध्यान का देवता माना जाता है। प्रमुख लक्षण-…

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सुंदर कांड को सुंदर क्यों कहते हैं? – रामायण की सबसे ‘सुंदर’ सच्चाई जो हर यूथ को जाननी चाहिए!

रामायण के कुल सात कांडों में से सिर्फ एक को “सुंदर” कहा गया है – सुंदर कांड। अब सवाल उठता है – क्या बाकी कांड “बदसूरत” थे?बिलकुल नहीं! पर फिर इसे ‘सुंदर’ कांड क्यों कहा गया? आज के युवा मस्तिष्क को यह समझाने के लिए, चलिए इसे एक ‘रियल हीरो स्टोरी’ की तरह समझते हैं! यह कांड है – हनुमान जी के सुपरहीरो मोड में आने का! सुंदर कांड की कहानी पूरी तरह हनुमान जी के अद्वितीय साहस, भक्ति और समर्पण की है – जब वो लंका की सीमा लांघते…

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