राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के हालिया बयान ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना को लेकर एक बार फिर राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है।होसबाले ने कहा कि ये दोनों शब्द — ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ — आपातकाल के दौरान जोड़े गए थे, और अब समय आ गया है कि “क्या इन्हें वहां रहना चाहिए या नहीं” — इस पर देशव्यापी मंथन हो। जंग के बीच जयशंकर की चाल– ईरान से भारतीयों की वापसी पर बनी सहमति बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने समर्थन में दिया बयान भाजपा सांसद…
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