“सरकारी तिजोरी में आपकी दौलत रखी है, बस ‘कागज़’ लाओ और ले जाओ!”

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गांधीनगर में एक ऐसा आंकड़ा पेश कर दिया जिससे पूरा देश बोल पड़ा – “क्या? मेरा भी कुछ हिस्सा है क्या इसमें?” दरअसल, 1.84 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय संपत्तियां – जिनमें बैंक जमा, बीमा पॉलिसी, भविष्य निधि और शेयर – बिना दावे के बैंकों और नियामकों के पास आराम कर रही हैं, जबकि असली मालिक अब भी व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी पर “सरकार पैसा छीन रही है” वाले मैसेज फॉरवर्ड कर रहे हैं। “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” – अब दरवाज़ा खटखटाइए, खजाना आपका है! सीतारमण…

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18 महीने का DA बकाया चाहिए-हमारी जेबें भी क्वारंटीन में हैं!

कोविड महामारी ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया, लेकिन देश के करोड़ों सरकारी कर्मचारी उस दौर में भी काम पर डटे रहे – फ़ाइलें घसीटी गईं, रिपोर्टें बनीं, और मीटिंग्स वर्चुअली झेली गईं। लेकिन मार्च 2020 से जून 2021 तक का DA (महंगाई भत्ता) और DR (महंगाई राहत) अब तक अधर में लटका हुआ है। लेबनान का हवाई क्षेत्र, इसराइल-ईरान टकराव से मचा हड़कंप सरकारी कर्मचारियों ने कहा है – “अब तो कोविड की वैक्सीन भी एक्सपायर हो गई, लेकिन हमारा एरियर अब भी पेंडिंग है!” नेशनल काउंसिल की 63वीं…

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