“अगर दोपहर में बाहर निकलने का मन कर रहा है, तो समझ लीजिए आपकी आत्मा पकी हुई बैंगन में बदलने को तैयार है।”— डॉ. आशुतोष दुबे जी हाँ, मई से पहले ही सूरज ने फुल फॉर्म में आकर बता दिया है कि इस बार गर्मी थोड़ी एक्स्ट्रा झुलसाने वाली है। लू ऐसी चलेगी कि टोस्टर भी शर्म से पसीने-पसीने हो जाए। पंखा चलेगा, फिर भी लगेगा कोई ड्रायर मुंह पर फूंक रहा है! पंजाब से लेकर बंगाल तक और ओडिशा से लेकर अंधेरी गली तक, हर जगह गर्मी की गारंटी…
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