नीतीश जी वृंदावन चल जाईं, अर्जुन के साथ बा कृष्ण! – तेजप्रताप के बिंदास बाण

बिहार में जवन चुनाव अबहीं एलानल नइखे, उहमें तेजप्रताप यादव पहिलहीं ‘जनता दरबार’ लगावे, ‘बयान दरबार’ चला देले बाड़ें। ऊ का कहत बाड़ें? भाजपा सपना देखत बा, आ नीतीश कुमार बेहोशी में बाड़ें! नई बॉल, पुराना ड्रामा – गिल बोले, ये गेंद तो पहले ही खेली गई है नीतीश के ‘वृंदावन टिकट’ – आश्रम भेजे के सुझाव! तेजप्रताप के कहना बा — “नीतीश जी अब राजनीति छोड़ के वृंदावन में डुबकी लगाईं, हमरा गुरुदेव के आश्रम में ठंडी बयार खाईं!”का लाइन मारले बाड़ें भैया! कहला कि जे अर्जुन (तेजस्वी) बा,…

Read More

लालू एंड संस: राजनीति घर से शुरू होती है, घर पर समाप्त- समझे ?

बिहार की राजनीति जब भी करवट लेती है, लालू प्रसाद यादव का नाम उसमें गूंजता है—कभी जोशीले अंदाज़ में, कभी सवालों के कटघरे में, लेकिन हमेशा असरदार। लालू सिर्फ नेता नहीं, एक परंपरा, एक शैली और एक संस्थान हैं। और उनका परिवार? मानो इस संस्थान की शाखाएं हों, जो सत्ता, संघर्ष और सियासत के पेड़ों पर लहराते हैं। भारत से पिटकर मदद की भीख! शहबाज शरीफ की 4 देशों की दौड़ शुरू गांव से गांधी मैदान तक: लालू यादव की यात्रा फुलवरिया के छोटे से गांव से निकला वह युवक,…

Read More