नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के राजौरी के एक मुस्लिम बहुल गांव में एक रहस्यमय बीमारी से अब तक 17वीं मौत भी हो चुकी है । पूरे देश के बड़े बड़े डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट इस रहस्यमयी बीमारी की जांच कर रहे हैं लेकिन अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके हैं ।
2025 को लेकर ज्योतिषियों की एक भविष्यवाणी ये भी है कि कोरोना जैसी एक ऐसी महामारी फैल सकती है जिसका ज्यादातर शिकार मांसाहारी लोग होंगे और ये संयोग की बात है कि इसने अपनी पहली झलक भी मुसलमानों के एक गांव में दिखाई है जहां अब तक 17 मुसलमान मारे जा चुके हैं और सबको पता है कि मुसलमान ज्यादा मांसभक्षी होते हैं । तमाम अखबारों में असलम नाम के पिता की कहानी छप रही है जिसके 6 बच्चे रहस्यमय बीमारी का शिकार हो गए
इन 6 बच्चों की दादी जट्टी बेगम की भी मौत हो चुकी है ।
ये कहीं ना कहीं चीन में फैले एचएमपीवी वायरस का खतरनाक संस्करण मालूम पड़ रहा है जहां चीन में ये वायरस सबसे ज्यादा बुजुर्गों और बच्चों को मार रहा है वहीं राजौरी के इस गांव में भी मरने वालों में 12 बच्चे हैं और 3 बुजुर्ग ।
जम्मू कश्मीर की सरकार ने इस बीमारी की जांच क्राइम के ऐंगल से भी करने की कोशिश की है इसलिए एक एसआईटी बनाई गई है जिसमें 11 सदस्य हैं । इन लोगों ने जांच में पता लगाया है कि 7 दिसंबर को इस गांव का एक मुस्लिम परिवार किसी दूसरे गांव के समारोह में गया था । वहां से लौटने के बाद 7 से 12 दिसंबर के बीच ही 9 लोगों की मौत हो गई थी । इसके बाद 11 जनवरी को फिर यहां मौतों का सिलसिला शुरू हो गया ।
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दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले की जांच के लिए एक हाईलेवल अंतरमंत्रालय टीम का गठन कर दिया है । केंद्रीय टीमें इस गांव के लगातार दौरे कर रही है । इस गांव को पूरी तरह से सील कर दिया गया है और जिस परिवार के लोग मर रहे हैं उस परिवार के लोगों को एक सरकारी जगह पर लाकर क्वारंटीन कर दिया गया है ।
केंद्रीय टीमों ने इस गांव के तमाम लोगों की दिनचर्या का अध्ययन किया है । मारे गए लोगों की भी हेल्थ रिपोर्ट की जांच की गई है जिसमें मृत्यु का कोई भी कारण सामने नहीं आ पाया है
इस बीमारी का प्रमुख लक्षण है मितली आना, सांस में रुकावट और बुखार । करीब करीब यही लक्षण चीन के एचएमपीवी वायरल के भी हैं । इसको लेकर पूरे देश को सावधान रहने की आवश्यकता है और अच्छा होगा कि अगर सभी लोग कुछ वर्षों के लिए मांस छोड़कर शाकाहारी हो जाएं ।