बगावत की हवा में लालू की पार्टी का बड़ा वार — 10 नेता आउट

Ajay Gupta
Ajay Gupta

बिहार में विधानसभा चुनावी माहौल गर्म है और इसी बीच राजद (RJD) ने अपने नेताओं पर बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई कर दी है। पार्टी ने दल-विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीन आचरण के आरोप में 10 नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

राज्य मुख्यालय से मिली रिपोर्ट के आधार पर राजद प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने आदेश जारी किया और कहा कि यह कदम पार्टी अनुशासन और एकजुटता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

इन 10 नेताओं पर गिरी गाज

निष्कासित नेताओं में वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक और कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, ये नेता अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ काम कर रहे थे और विपक्षी उम्मीदवारों का अप्रत्यक्ष समर्थन कर रहे थे।

निष्कासित नेताओं की सूची:

  • फतेह बहादुर सिंह (विधायक, डेहर)
  • सतीश कुमार (प्रदेश उपाध्यक्ष, नालंदा)
  • मोहम्मद सैय्यद नौसादुल नवी उर्फ पप्पू खां (बिहार शरीफ)
  • मोहम्मद गुलाम जिलानी वारसी (पूर्व विधायक, कांटी)
  • मोहम्मद रियाजुल हक राजू (पूर्व विधायक, गोपालगंज)
  • अमोद कुमार मंडल (प्रदेश महासचिव, पूर्णिया)
  • विरेन्द्र कुमार शर्मा (सदस्य, सिंहेश्वर)
  • प्रणव प्रकाश (सदस्य, मधेपुरा)
  • जिप्सा आनंद (महिला प्रकोष्ठ, भोजपुर)
  • राजीव रंजन उर्फ पिंकू (सदस्य, भोजपुर)

पहले भी 27 नेताओं पर हुआ था एक्शन

यह पहली बार नहीं है जब RJD ने सख्त कदम उठाया है।
इससे पहले भी पार्टी ने 27 नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में बाहर किया था, जिनमें कई बड़े नाम शामिल थे —

  • विधायक छोटेलाल राय
  • रितु जायसवाल (महिला विंग की पूर्व अध्यक्ष)
  • मोहम्मद कामरान
  • पूर्व विधायक राम प्रकाश महतो, अनिल साहनी, सरोज यादव और अनिल यादव

इन सभी पर पार्टी विरोधी उम्मीदवारों का समर्थन करने और दल-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा था।

RJD का संदेश: “अनुशासन से समझौता नहीं”

RJD की यह कार्रवाई एक राजनीतिक संदेश के रूप में भी देखी जा रही है — कि पार्टी अंदरूनी बगावत बर्दाश्त नहीं करेगी, खासकर चुनावी माहौल में जब हर सीट अहम है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि “जो भी नेता पार्टी लाइन से हटकर काम करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई तय है — चाहे वह कितना भी बड़ा नाम क्यों न हो।”

RJD की यह रणनीति ‘डिसिप्लिन दिखाकर वोटर्स को भरोसा दिलाने’ की कोशिश है। तेजस्वी यादव भी चाह रहे हैं कि पार्टी की छवि एक “क्लीन और यूनाइटेड संगठन” की बने, जो विपक्ष के खिलाफ मजबूती से लड़े।

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