बहन, दोस्त या पड़ोसी – जिसे चाहे उसे राखी बांधो

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

रक्षा बंधन… एक दिन जब भाई VIP बन जाता है और बहन को lifelong free security मिलती है – बिना पुलिस वेरिफिकेशन के। लेकिन सवाल उठता है – “अगर भाई ही ना हो तो ये रक्षा किससे और कौन करेगा?” डरिए मत, धर्मशास्त्रों ने इसपर “No Hard Feelings” वाला क्लॉज़ दे रखा है।

क्या बहन को बहन राखी बांध सकती है? Of course, हां जी!

अगर आपके पास भाई नहीं है, तो कोई बात नहीं। आपकी बहन, आपकी दोस्त, आपकी चचेरी, ममेरी या व्हाट्सएप वाली कजिन – कोई भी रक्षा का व्रत निभा सकती है।

क्योंकि आखिरकार ये त्योहार “gender-specific” नहीं बल्कि “emotion-specific” है। और ये भावना वो नहीं समझ सकता जो हर राखी पर gift के नाम पर सिर्फ़ 100 रुपये थमाता है।

सिंगल चाइल्ड? Don’t worry – भाई बना लो दोस्त को, बस “clarification” दे देना

अगर आप अकेली बहन हैं, तो राखी उस दोस्त को बांधिए, जो आपकी हर Instagram पोस्ट पर “Behen jaisi ho” कमेंट करता है।
लेकिन ध्यान रहे – किसी crush को राखी ना बांध देना, वरना Raksha Bandhan के साथ-साथ दिल भी बंध जाएगा – forever… but in friendzone!

राखी बांधने के “GPS Enabled” नियम – दिशा सही हो, भावनाएं कहीं भी जा सकती हैं!

  • विवाहित बहन को दायें हाथ पर राखी बांधो।

  • अविवाहित बहन को बायें हाथ पर।

  • बहन का मुख पूर्व दिशा में हो, भाई का पश्चिम की ओर।

  • तिलक रिंग फिंगर से करें, वरना पुराना WhatsApp फॉरवर्ड बोलेगा “पाप लगेगा।”

Bonus Tip: मिठाई में गुलाब जामुन देना सबसे सुरक्षित है – कहीं काजू कतली ज्यादा पसंद आ गई तो बहन Budget डिमांड बढ़ा सकती है।

राखी का मकसद: रिश्ते निभाओ, दिखावा मत करो!

कोई ज़रूरी नहीं कि आपको हर साल राखी की Quantity में world record बनाना है।
आप सिर्फ़ उसी को राखी बांधें, जिसे आप सच में भाई मानती हों।

क्योंकि रक्षा बंधन एक “sentiment subscription” है – लाइफटाइम वाला, not “one-month free trial” वाला।

क्या है असली भावना?

रक्षा बंधन दरअसल एक Social Reminder है – कि रिश्ते खून से नहीं, भरोसे और भाव से बनते हैं।
इस दिन आप भाई-बहन से लेकर मित्र-रक्षक तक किसी भी इंसान के साथ अपने affection का knot बाँध सकते हैं।

Raksha Bandhan 2025 – Modern है, लेकिन भावना वही पुरानी!

राखी अब सिर्फ़ भाइयों की कलाई पर नहीं, बहनों की हथेलियों में भी रक्षा का वादा बनकर चमकती है।
सो, चाहे सगा भाई हो या WhatsApp वाला भैया, प्यार है तो राखी है – बस “ईमानदार इरादे” साथ हों!

Related posts

Leave a Comment