“जिसने सहा ज़ुल्म, उसी को किया गया क़ैद!” – राहुल का समर्थन

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर ज़िले में भीड़ की पिटाई से जान गंवाने वाले हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मिलने पहुंचे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मामले को लेकर सख़्त टिप्पणी की है। राहुल गांधी ने कहा, “जिस पर हमला हुआ, वही अपराधी बना दिया गया है। पीड़ित परिवार को घर में बंद किया गया है, डराया जा रहा है। हम सिर्फ न्याय की मांग कर रहे हैं।”

2 अक्टूबर की घटना, वायरल वीडियो और प्रशासन की सफाई

बताया जा रहा है कि 2 अक्टूबर को हरिओम वाल्मीकि को गांव वालों ने चोरी के शक में बुरी तरह पीटा, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। रायबरेली के एसपी यश वीर सिंह ने कहा था कि भीड़ ने खुद मारपीट की। पर सवाल ये है कि कानून अपने हाथ में लेने वालों पर क्या कार्रवाई हुई?

राहुल गांधी बोले: “यह परिवार दोषी नहीं, पीड़ित है”

राहुल गांधी ने अपने दौरे के दौरान सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा:

“चंद दिन पहले हरियाणा में एक दलित अधिकारी ने आत्महत्या की थी, वहां भी गया था।
 ज यहां आया हूं, क्योंकि अन्याय कहीं भी हो, लड़ाई वही है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि पीड़ित परिवार को जेल जैसा बंद कर रखा गया है। राज्य सरकार और पुलिस डराने की रणनीति अपना रही हैं। मुख्यमंत्री को सीधा संदेश – “सम्मान दीजिए, कार्रवाई कीजिए”।

दलित अत्याचार पर उठे बड़े सवाल

राहुल गांधी ने मुद्दा सिर्फ फतेहपुर तक सीमित नहीं रखा, बल्कि पूरे देश की ओर इशारा किया, “देशभर में दलितों के साथ हो रहे अत्याचार, हत्याएं, बलात्कार अब नॉर्मल हो गया है क्या? अगर संविधान में सब बराबर हैं, तो यह भेदभाव क्यों?”

यह टिप्पणी उस वक्त आई है जब देश भर में जातिगत हिंसा और भेदभाव पर कई घटनाएं सामने आ रही हैं।

‘न्याय’ सिर्फ शब्द नहीं, हक़ है – राहुल गांधी की स्पष्ट मांग

इस दौरे के ज़रिए राहुल गांधी ने एक बार फिर खुद को दलित और वंचित समुदायों की आवाज़ के तौर पर पेश किया है। जहां एक तरफ़ वीडियो, गवाह और मृत शरीर बोले – वहीं दूसरी ओर न्याय अभी भी फाइलों में अटका हुआ है।

क्या अब सरकार की ओर से ठोस कार्रवाई होगी? या फिर एक और “वायरल वीडियो” बस खबर बनकर रह जाएगा?

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