“M-Y के रोटी अब ना सिकी? मुसलमान अब लालटेन के तेल ना बनिहें!”

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

बिहार में अबकी बार चुनाव खाली “सड़क से संसद” ना, बलुक ‘समीकरण से सियासत’ तक चल रहल बा।
लालू प्रसाद यादव के पुरान M-Y (मुस्लिम-यादव) समीकरण के जे ‘महाबली’ कह के लोग याद करत रहल, अब ओही पर प्रशांत किशोर (PK) के डिजिटल और ज़मीनी हमला हो गइल बा।

PK के कहना बा:

“अब एम-वाई ना चले, वाई-एम के भी बैटरी डाउन हो गइल बा!”

PK के दिमागी बम: “लालटेन के तेल मत बनीं, बल्ब जलाईं!”

PK, जे राजनीति में आधा नेता, आधा ‘वोटिंग डेटा साइंटिस्ट’ बाड़न, कहत बाड़न कि RJD के राजनीति मुसलमान लोग के खाली “भय का व्यापार” में बदल दिहलस।
कहनी:

“आपन डर बेच-बेच के वोट लिहल गइल। अब मुसलमान के समय बा – डर छोड़े के, नेता बदले के!”

ऊ कहले:

“लालटेन में जे तेल बा, उ त मुसलमान वोटर हई! बाकिर अब उ तेल सूख गइल बा, रौशनी बंद होखे वाला बा।”

समीकरण के ‘X-Ray’: M-Y ना, Y-M हो गइल बा!

PK कहत बाड़न:

  • जब यादव खड़ा होले, मुसलमान चुपचाप वोट दे देले।

  • जब मुसलमान खड़ा होले, यादव के आधा वोट BJP के खेमे में बहक जाला!

ई सुनते RJD के रणनीतिकार सब Excel शीट फाड़ के बैठ गइलन!

बिहार के राजनीति के पुरान Math, अब New Syllabus में ना फिट हो रहल बा।

PK के टारगेट – 40 मुस्लिम कैंडिडेट? RJD के नींद हराम!

PK के ‘जन सुराज’ आंदोलन अब टिकट वितरण से चुनावी रणभूमि में एंट्री कर चुकल बा।
40 मुस्लिम उम्मीदवार के एलान मतलब साफ संकेत — “अब डराइब ना, लड़ेब!”

सवाल उठत बा — M-Y के ताला टूट गइल बा?
अब यादव-मुस्लिम alliance में mutual respect बा कि सिर्फ mutual vote?

RJD के जवाबी हमला – “हम मोहब्बत बाड़ी, PK नफ़रत बेच रहलन!”

तेजस्वी यादव पूरा संयम में जवाब देत कहले:

“हम जात-पात ना, काम के पहचान देब। RJD सबके पार्टी बा – मुस्लिम, यादव, अगड़ा-पिछड़ा सब के।”

बाकिर भीड़ के बीच एक बुजुर्ग फुसफुसात रहले – “बाबू, रैली में जे मोबाइल कैमरा देखावे ला, ओसे सवाल पूछे के हिम्मत ना होला!”

क्या M-Y समीकरण 2025 में ‘Expired’ हो जाई?

बिहार के राजनीति में समीकरण अइसन बा, जे चाय में चीनी जइसन घुल जाला — ना दिखे, बाकिर असर करेला।

PK के डेटा चाहे सटीक होखे, तेजस्वी के इरादा चाहे साफ होखे, बाकिर जनता के मन के गणित हमेशा वोटिंग मशीन के अंदर बंद रहेला।

नेता बदलल, नारा बदलल – जनता अब Calculator खोज रहल बा!

“पहिले नेता कहत रहलन – ‘जात देख के वोट दे।’ अब नया नेता कहत बाड़न – ‘डेटा देख के वोट दे।’ बाकिर जनता कह रहल बिया – ‘भैया! रोज़गार, शिक्षा आ बिजली-पानी पर भी कुछ कहिए ना!’”

Bihar के वोटर अब Android वाला ह, 2G वाला बात से ना चले।

PK के बात साँच, बाकिर लालू के ‘दाल’ अबहीं भी बांची?

राजनीति में न कोई हमेशा का दोस्त होला, ना दुश्मन। सिर्फ एक चीज़ स्थायी बा – “वोट”। PK के राजनीति में नया रंग आइल बा, बाकिर लालू के रंग अबहीं भी कुछ इलाका में चढ़ल बा।

2025 के बिहार चुनाव अब Calculator से ना, “Google Form” और “Ground Connect” से लड़ा जाई!

“माया की वापसी? UP की सियासत में फिर बजी ढोलक!”

Related posts

Leave a Comment