
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जून 2025 को G7 समिट में हिस्सा लेने कनाडा के कनानास्किस शहर रवाना होने वाले हैं। लेकिन उनकी यात्रा से पहले ही कनाडा की सरकार ने ऐसा झाड़ू चलाया है, जैसे दीवाली की सफाई चल रही हो — और नाम है: “प्रोजेक्ट पेलिकन”!
खालिस्तान समर्थकों पर ‘प्रोजेक्ट पेलिकन’ का प्रहार
कनाडा सरकार ने खालिस्तानी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए ‘प्रोजेक्ट पेलिकन’ नामक एक बड़ा ऑपरेशन चलाया है। और ये कोई छोटा-मोटा छापा नहीं, बल्कि 479 किलो कोकीन के साथ भारत विरोधी साजिशों का कॉकटेल मिला है। इसका मूल्य लगभग 47.9 मिलियन डॉलर बताया जा रहा है।
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कोकीन की सप्लाई, खालिस्तान की फंडिंग?
पुलिस के अनुसार, यह नेटवर्क अमेरिका-कनाडा के बीच चलने वाले ट्रकों के जरिए ड्रग्स की सप्लाई करता था। ये ड्रग्स फिर भारत विरोधी गतिविधियों जैसे कि जनमत संग्रह, पोस्टरबाज़ी और हथियार खरीदने में लगाए जा रहे थे।
खुफिया रिपोर्ट का कहना है कि इस सब के पीछे पाकिस्तान की ISI का हाथ है। मतलब, “खालिस्तान सपोर्टेड बाय कोकीन, प्रायोजित बाय ISI!”
गिरफ्तार हुए लोग – ट्रक ड्राइवर या आत्मघाती देशभक्त?
कनाडाई पुलिस ने जिन 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें से 7 भारतीय मूल के हैं। नाम पढ़िए और पहचानिए:
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साजगिथ योगेन्द्रराजा (31)
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मनप्रीत सिंह (44)
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अरविंदर पोवार (29)
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करमजीत सिंह (36)
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गुरतेज सिंह (36)
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सरताज सिंह (27)
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शिव ओंकार सिंह (31)
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फिलिप टेप (39)
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हाओ टॉमी हुइन्ह (27)
अगर यही लोग ‘भारत माता की जय’ बोलते, तो शायद अभी भी बाहर होते।
PM मोदी की यात्रा और खालिस्तानी समीकरण
प्रधानमंत्री मोदी नए कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर G7 समिट में हिस्सा लेने जा रहे हैं। इस दौरान खालिस्तान का मुद्दा मोदी और कार्नी की बिलेटरल मीटिंग में उठ सकता है। मोदी ने सोशल मीडिया पर कार्नी को जीत की बधाई दी और साथ ही एक “संकेतात्मक ट्वीट” भी मारा कि अब दोस्ती में “नया जोश” होगा — पुरानी “पोस्टर-पॉलिटिक्स” नहीं।
ट्रूडो की विदाई और पोस्टर-पॉलिटिक्स की हार
पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में खालिस्तान समर्थकों को बहुत “प्रोत्साहन” मिला था। इतना कि हाथ में AK47 और पोस्टर में गांधीजी वाली राजनीति चल रही थी। नतीजा? ट्रूडो की विदाई और भारत-कनाडा संबंधों में खटास।
अब मार्क कार्नी शायद यह समझ चुके हैं कि अच्छी विदेश नीति बनानी हो, तो पहले कोकीन ट्रकों से छुटकारा पाओ।
समिट के पहले समापन?
प्रधानमंत्री मोदी का कनाडा दौरा राजनीतिक, कूटनीतिक और अब “क्रिमिनल सफाई” के नजरिए से भी अहम हो गया है। अब देखना यह है कि G7 में भारत की आवाज सिर्फ जलवायु और व्यापार पर गूंजेगी, या खालिस्तानियों के खिलाफ “कूटनीतिक डोज़” भी चलेगा।