
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान क्या हुआ, नेताओं ने जनता से जुड़ने के नायाब तरीके अपनाने शुरू कर दिए। कोई जनसभा में भाषण दे रहा है, तो कोई सोशल मीडिया पर एक्टिव है, लेकिन पप्पू यादव साहब तो कुछ कदम आगे निकल गए — सीधा बाढ़ पीड़ितों के बीच कैश बांट दिया!
वायरल वीडियो ने बढ़ाई मुश्किलें
घटना वैशाली ज़िले के गणियारी गांव की है, जहां पप्पू यादव ने करीब 80 बाढ़ पीड़ितों को 4000-4000 रुपये बांटे। वीडियो वायरल हुआ और फिर क्या था, महनार के SDO नीरज कुमार ने इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए सीओ के माध्यम से थाने में शिकायत भेज दी। अब सहदोई थाना में FIR दर्ज हो चुकी है।
चुनाव आयोग का एक्शन: “पैसे बांटोगे? तो कानून दिखाएगा ताकत!”
चुनाव आयोग को जब वायरल वीडियो दिखा, तो वो भी कहां पीछे रहने वाला था! उन्होंने संज्ञान लेते हुए तुरंत एक्शन लिया और पुलिस को केस दर्ज करने का आदेश दिया। आयोग का स्पष्ट संदेश: “जनता से प्यार करो, लेकिन कैश के साथ नहीं!”
पप्पू यादव का पलटवार – “डरेंगे नहीं, बांटते रहेंगे”
अब पप्पू यादव भला चुप कैसे रहते? उन्होंने भी फुल फ़ॉर्म में प्रतिक्रिया दी:
“अब चुनाव आयोग से डर कर गरीबों की मदद न करें? पैसे बांटे हैं, फिर बांटेंगे। जिसे जो करना है, कर ले।”
इतना ही नहीं, उन्होंने चिराग पासवान और नित्यानंद राय पर भी तंज कसते हुए कहा – “ये दोनों तो इलाके के मंत्री हैं, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की सुध तक नहीं ली।”

बिहार चुनाव 2025 – तारीखें तय, मुकाबला सख्त
बिहार में 2 चरणों में चुनाव होंगे – 6 और 11 नवंबर को वोटिंग, 14 नवंबर को मतगणना।
अब जब तारीखें तय हो गई हैं, तो पप्पू यादव जैसे नेता और “क्रिएटिव तरीकों” से वोट बैंक साधने की कोशिश में जुट गए हैं।
मदद करो, लेकिन लोकतांत्रिक “मर्यादा” में रहकर
पप्पू यादव की मंशा चाहे नेक रही हो, लेकिन चुनावी मौसम में हर एक्शन पर नजर रहती है। पैसे बांटना राहत हो सकता है, लेकिन कानून की नजर में “प्रभाव डालने की कोशिश” भी बन सकता है।
जनता सब देख रही है – वोट किसे मिलेगा, ये तो EVM ही बताएगी, लेकिन चुनावी ड्रामा अभी लंबा चलेगा।