
पाकिस्तान के सरकारी टीवी चैनल और सुरक्षा बलों के सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि शुक्रवार रात पाकिस्तान ने दक्षिण और उत्तरी वज़ीरिस्तान से सटे अफगान इलाकों में हाफ़िज़ गुल बहादुर ग्रुप के ठिकानों पर सटीक एयरस्ट्राइक की।
हालांकि, इस मामले पर अब तक पाकिस्तान सरकार और सेना ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
पक्तिका प्रांत में हुआ हमला, 10 की मौत
शुक्रवार को पक्तिका प्रांत में एक घर पर बमबारी हुई, जिसमें अब तक 10 लोगों की मौत और 13 घायल हुए हैं।
तालिबान की सरकार के रेडियो और टीवी नेटवर्क ने भी हमले की पुष्टि की है। उनका कहना है कि यह हमला पाक-अफगान संघर्षविराम का खुला उल्लंघन है।
48 घंटे का संघर्षविराम, लेकिन ज़मीनी हालात अलग
गौरतलब है कि क़तर की मध्यस्थता में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 48 घंटे के सीज़फायर पर सहमति बनी थी और दोहा में बातचीत चल रही है। लेकिन शुक्रवार रात की यह घटना पूरे इलाके में तनाव को और बढ़ा सकती है।
हाफ़िज़ गुल बहादुर ग्रुप कौन है?
2014 से पहले हाफ़िज़ गुल बहादुर समूह को पाकिस्तान सरकार का समर्थक माना जाता था। ये ग्रुप टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) की हिंसा से दूर रहने वाला ‘अच्छा तालिबान’ समझा जाता था।

लेकिन जैसे-जैसे पाकिस्तान और TTP के रिश्ते बिगड़ते गए, गुल बहादुर ग्रुप की भूमिका भी संदिग्ध होती गई। 2022 में जब TTP से बातचीत की खबरें आईं, तो इस ग्रुप का भी नाम सामने आया। हालांकि, कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई।
अब क्या होगा?
अगर तालिबान ने वाकई इसे सीज़फायर उल्लंघन माना है, तो आने वाले दिनों में पाक-अफगान बॉर्डर पर और भी तनाव देखने को मिल सकता है। दोनों देशों के बीच पहले से ही भरोसे की कमी है, और ऐसे हमले हालात को और बिगाड़ सकते हैं।
इस कथित हमले ने एक बार फिर दिखा दिया कि कूटनीति और ज़मीनी हकीकत में कितना फर्क होता है। अब सवाल ये है कि क्या बातचीत की मेज़ फिर से लगेगी या बॉर्डर पर गोलियां गूंजेंगी?
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