
बिहार में विधानसभा चुनाव के बटेर जइसे नजदीक आ रहल बा, ओही घड़ी सीएम नीतीश कुमार सोशल मीडिया पर घोषणाओं के GPS चालू कइले बाड़न। अबकी बेर टारगेट में बाड़न शिक्षकगण, जवन हर चुनाव में दिल जीतले रहेलें।
“जहां मन, ओहिजा ट्रांसफर!” – सीएम के नया ऐलान
नीतीश कुमार ट्विटर पर लिखले:
“शिक्षा विभाग से कहले बानी कि जिन शिक्षकों के इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर में दिक्कत बा, ऊ लोग 3 जिला के विकल्प दे सकेला। ओकरे अनुसार पोस्टिंग कइल जाई।”
मतलब अब गुरुजी लोगन के ‘कहीं भी पोस्टिंग’ के लॉटरी सिस्टम खतम – अब ‘जैसा गुरुजी चाहें, वैसा जाई’ वाला माहौल।
गुरुजी टेंशन मत लीं, बस पढ़ाईं करीं
नीतीश बाबू आगे कहले कि जिला के अंदर ट्रांसफर के जिम्मेदारी डीएम साहेब के समिति के रही, आ कोशिश होई कि गुरुजी के मनपसंद ब्लॉक में पोस्टिंग हो जाए।
फिर कहले –
“शिक्षक लोगन से निहोरा बा कि टेंशन ना लीं, देश के भविष्य बनावे में ध्यान दीं।”
क्या है असली मकसद?
राजनीतिक विश्लेषक लोग मानत बा कि ई घोषणा चुनावी बिसात के हिस्सा बा।
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शिक्षक समाज एक बड़ा वोट बैंक ह।
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ट्रांसफर-प्रमोशन वाला कार्ड चुनाव से पहले अक्सर खेलेला।
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लेकिन अगर नीति सही से लागू भईल, त शिक्षकों के सच में राहत मिल सकsता।
गुरुजी लोग खुश, नीतीश बाबू ट्रेंड में, आ विपक्ष… ऊ त फिलहाल सोच में पड़ल बा कि एतना जल्दी ई मास्टरस्ट्रोक कइसे खेल दिहलन!
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