60 के सपना में सहनी बाबू, तेजस्वी के फेरा में माथा गरम

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के ऐलान के पहले ही राजनीतिक गलियारे में ‘सीट-सीट’ खेल शुरू हो गइल बा। जवन खिलाड़ी सब अबही तक साइलेंट मोड में रह के रणनीति बना रहल बा, ऊ लोग अब धीरे-धीरे मैदान में उतर रहल बा।

वीआईपी के “विकट इच्छा पत्र” – 60 सीट!

वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी एक बेर फेर से मंच पर आ गइल बाड़न, बाकिर ई बार उनका मांग सुन के तेजस्वी यादव के पेशानी पर बल आ गइल बा। सहनी बाबू कहत बाड़न कि “हम 60 सीट पर लड़ब, बाकी त रेवड़ी बाटे…”

ई सुनते महागठबंधन के बाकी दल — कांग्रेस, माले, सीपीआई, सीपीएम सब चुपचाप एक दुसरे के मुंह देखे लगलें — “ए भाई, अब ई सब कहाँ से देब?”

तेजस्वी जी के ‘सीट-कुल्फी’ पिघलल शुरू

तेजस्वी यादव, जेकरा सपना रहे सबका साथ लेके सत्ता तक पहुंचल, अब ऊ कुर्सी से ज्यादा सीट जोड़तो जोड़तो सीट कम पड़ गइल बा। वीआईपी के 60, माले के 40, कांग्रेस के 30… इ कुल सीट ना भईल, त गणित त टूटे के बा!

पोस्टर छाप के बोला देनी “हमार एजेंडा तय बा”

मुकेश सहनी बाकायदा पोस्टर छाप दिहलें – “हम लड़ब 60 सीट”। अब ई देख के लोग पूछे लगल — “ए बाबू, 2020 में 11 सीट मिलल रहे, 4 पर जीतल रहलs… अब का नया GPS लगवले बाड़s?”

भूतपूर्व गठबंधन गवाह बा…

2020 में भी सहनी बाबू कहले रहन कि “हमरा मन के सीट ना मिलल, त हम महागठबंधन छोड़ देहब”, आ छोड़ दिहलें। बीजेपी में शामिल भइनी, बाकिर ओहिजो 11 में 4 सीट जीतलें। अब कहत बाड़न — “ए बार बदला लेब…”

“बदला लेब, बाकिर साथ देब?” – अइसन छौंक मारता सवाल

अब सबसे बड़ा सवाल बा –
का सहनी बाबू फेरु साथ छोड़ के आपन अलग रस्ता बनइहें?
का ऊ 60 सीट के मांग से बस दबाव बनावत बाड़न?
का ई पोस्टर पोलिटिक्स हवे कि पक्का इरादा?

राजनीति में कुर्सी से पहले सीट और सीट से पहले गोटी सेटिंग जरूरी बा। सहनी बाबू गोटी चला चुकल बाड़न, बाकिर ऊ गोटी चले ला कि फँसे ला – इ देखे वाला बात बा।

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