
अब वो ज़माना गया जब इश्क़ में लोग चाँद-तारे तोड़ लाते थे। आज के आशिक कहते हैं — “नेटवर्क फुल होना चाहिए, न कि दिल!”
तो जनाब, अगर आप भी नई पीढ़ी के इश्क़बाज़ हैं, तो ज़रा “शुद्ध प्रेम” को फ्रिज में रख दीजिए। क्योंकि इस सीज़न में ट्रेंड है — “लव विद लॉजिक, हार्ट विद हेल्थ”
थोड़ा ज्ञान मिलाओ, वरना पेट दर्द दिल तक जाएगा!
शुद्ध इश्क़ का असर वैसे ही है जैसे देसी घी — “ज़्यादा खाओगे तो जलन होगी, कम खाओगे तो स्वाद नहीं आएगा।”
तो बीच का रास्ता यही है — थोड़ा ज्ञान, थोड़ा ग़ुस्सा कंट्रोल, और थोड़ा स्वाभिमान मिलाकर लव का संतुलित ठाठा बनाओ!
आधुनिक आशिकों का फंडा:
आज के लवर्स हैं — “हमारे दिल में इमोशन लिमिटेड हैं, बैलेंस बचा कर खर्च करो!”
पहले वाला इश्क़ “हम-तुम-बारिश” तक सीमित था, अब वाला “रिचार्ज, मीम, और डिलीट मैसेज” तक। और जो लोग अब भी पुराने जमाने का इश्क़ कर रहे हैं, उनके लिए एक ही सलाह — “Update कर लो वरना Relationship App क्रैश हो जाएगा!”

दिल तो पागल है, पर पेट भी कुछ कहता है!
आज के दिल और दिमाग़ की जंग में जीत हमेशा उसी की होती है, जिसने इश्क़ में थोड़ी मिलावट डाल रखी हो — यानी, “थोड़ा प्यार, थोड़ा स्वाभिमान”, “थोड़ी मिठास, थोड़ा sarcasm” और “थोड़ा वक्त, थोड़ा respect”
क्योंकि अब शुद्ध इश्क़ वही कर सकता है जिसके पास दिल भी strong हो और digestion भी!
मिलावट वाला प्यार — नया सोशल ट्रेंड!
शुद्ध इश्क़ अब डाइजेस्ट नहीं होता, इसलिए हर समझदार आशिक अपने लव में थोड़ा प्रैक्टिकलिटी, सेल्फ-केयर और हास्य रस मिलाकर परोसता है।
आखिर, जब खाना मिलावट वाला है, तो प्यार क्यों नहीं?
राहुल गांधी का तंज: “त्योहार पर घर जाना अब संघर्ष बन गया है”
