ILP नहीं तो एंट्री नहीं! मणिपुर पुलिस का बंपर चेकिंग अभियान

Lee Chang (North East Expert)
Lee Chang (North East Expert)

मणिपुर के सेनापति ज़िले में पुलिस ने 2,412 लोगों की पहचान और दस्तावेज़ों का सत्यापन किया, जिसका उद्देश्य अवैध अप्रवासियों और बिना वैध यात्रा परमिट वाले बाहरी नागरिकों की पहचान करना था।

इस विशेष Inner Line Permit (ILP) चेकिंग ड्राइव के तहत 170 लोग बिना वैध ILP पास के पाए गए, जबकि 134 लोगों के ILP दस्तावेज़ एक्सपायर हो चुके थे। सभी को तुरंत माओ गेट ILP काउंटर भेजा गया, जहाँ उन्हें आगे बढ़ने से पहले नया परमिट बनवाने को कहा गया।

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अभियान का संचालन सेनापति ज़िला पुलिस टास्क फोर्स के नेतृत्व में किया गया। चेकिंग विशेष रूप से निम्न रूट्स पर केंद्रित रही:

  • नेशनल हाईवे-2

  • मरम-पेरेन रोड

  • ताडुबी-तोलोई रोड

  • और कई इंटर-विलेज संपर्क मार्ग

यह सघन जाँच पिछले सप्ताह शुरू हुई थी और अब भी निरंतर जारी है।

फिलहाल नहीं मिला कोई अवैध प्रवासी, लेकिन अलर्ट हाई है

पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अब तक किसी भी अवैध प्रवासी का पता नहीं चला है। हालांकि, उन्होंने साफ़ कर दिया कि:

“सभी सीमा प्रवेश बिंदुओं पर सख्त निगरानी और चेकिंग आगे भी जारी रहेगी। ILP नियमों का शत-प्रतिशत पालन कराया जाएगा।”

ILP क्या है और क्यों ज़रूरी है?

इनर लाइन परमिट (ILP) एक आधिकारिक यात्रा दस्तावेज़ है, जो भारत के कुछ पूर्वोत्तर राज्यों जैसे मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम में प्रवेश करने के लिए गैर-स्थानीय नागरिकों को लेना अनिवार्य होता है।

इसका उद्देश्य इन राज्यों के स्वदेशी समुदायों, उनकी संस्कृति और संसाधनों की सुरक्षा करना है।

मणिपुर की पुलिस सख्ती से यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई बिना परमिट राज्य में प्रवेश न कर सके, चाहे वह पर्यटक हो या व्यापारी। ऐसे प्रयास ना सिर्फ सुरक्षा को मज़बूत करते हैं, बल्कि क्षेत्रीय पहचान की रक्षा में भी अहम भूमिका निभाते हैं।

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