
मध्य प्रदेश के सीहोर ज़िले में स्थित कुबेरेश्वर धाम में सावन के धार्मिक आयोजन के दौरान जो कुछ हुआ, वह “अव्यवस्था की पराकाष्ठा” था।
रुद्राक्ष वितरण से शुरू हुआ धार्मिक उत्साह देखते ही देखते अशांत अफरा-तफरी में बदल गया, और तीन दिन में कुल 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई।
लेकिन अब असली चमत्कार तो तब हुआ जब राज्य के राजस्व मंत्री करन सिंह वर्मा ने कहा:
“अब अलग से न्यायिक जांच की ज़रूरत नहीं है, ज़िला प्रशासन की रिपोर्ट ही काफी है।”
वाह मंत्री जी, रिपोर्ट अगर सब कुछ कर देती है तो पुलिस, अदालतें और संविधान को भी रिटायर कर दीजिए!
कैसे हुईं मौतें? 3 दिन, 7 जानें
मंगलवार:
रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ – 2 महिलाएं मारी गईं।
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जसवंती बेन (56), गुजरात
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संगीता गुप्ता (48), फिरोजाबाद, यूपी
बुधवार:
गर्मी, भीड़ और अव्यवस्था के चलते 3 और श्रद्धालुओं की मौत।
गुरुवार:
2 श्रद्धालुओं को पड़ा हार्ट अटैक – दोनों की मृत्यु हो गई।
प्रशासन के अनुसार –
“भीड़ ज़्यादा थी, पर ठहरने, खाने और दवाई की व्यवस्था कम थी।” यानी भीड़ के आगे विवेक ने हार मान ली।
विपक्ष का वार – “जब कोहली पर केस हो सकता है, मिश्रा जी क्यों बचे?”
कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने तीखा सवाल उठाया:
“जब विराट कोहली पर भीड़ इकट्ठा करने पर केस हो सकता है, तो पंडित मिश्रा जी पर क्यों नहीं?”
विपक्ष ने FIR की मांग की है – आयोजक प्रदीप मिश्रा और आयोजन समिति के खिलाफ।
“मेरी बहनें चली गईं…” – प्रदीप मिश्रा का भावुक बयान
प्रदीप मिश्रा बोले:
“मेरी बहनों के प्राण गए, मुझे दुख है। हम कथा में कहते हैं – बीमार हो तो न आएं।” “कुबेरेश्वर धाम बहनों का मायका है…”
बस ये नहीं कहा कि जो भी आया था, वह अपनी जिम्मेदारी पर आया था – भगवान देख रहा है!
अफसर शांत, मुख्यमंत्री भावुक
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा:
“बेहद दुखद घटना है। अफसरों को हर मदद के निर्देश दिए हैं।” “आयोजन और प्रशासन दोनों जिम्मेदार हैं कि भविष्य में ऐसा न हो।”
अब देखना ये है कि “जिम्मेदारी” भी रिपोर्ट की तरह कागज़ों में रह जाएगी या ज़मीनी कार्रवाई भी होगी।
धर्म भीड़ से बड़ा है, व्यवस्था ज़िम्मेदारी से
कुबेरेश्वर धाम की यह घटना हमें फिर याद दिलाती है कि “धार्मिक आस्था भी प्रशासनिक जिम्मेदारी से अलग नहीं होती।”
जब लाखों की भीड़ जुटाई जाती है, तो श्रद्धा के साथ-साथ प्रबंधन का भी ध्यान रखना होता है। वरना भक्त भगवान से पहले ‘भगदड़’ के हाथों स्वर्ग पहुंच जाते हैं।
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