
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने एक बार फिर अपने “Straight Outta Rawalpindi” स्टाइल में बयानबाज़ी की है और अफग़ानिस्तान के साथ हालिया 48 घंटे के युद्धविराम पर पानी फेर दिया है।
जी हां, युद्धविराम को लेकर पहले ही अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों का “आपने मांगा था – नहीं, आपने मांगा था” जैसा झगड़ा चल रहा है, और अब आसिफ़ साहब ने इसमें भारत का तड़का भी लगा दिया है।
Ceasefire के बहाने Climax बन गया!
बात कुछ यूं शुरू हुई कि पाकिस्तान और अफ़ग़ान तालिबान ने 48 घंटे का युद्धविराम लागू किया। लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं, बल्कि ट्विटर (अब एक्स) पर अफगान प्रवक्ता बोले – “हमने पाकिस्तान के कहने पर ये किया है।”
इधर पाकिस्तान बोला – “भाई, ये तो अफगानों की गुज़ारिश थी!“
अब जनता कन्फ्यूज़ – “Ceasefire कौन मांग रहा था और कौन दे रहा था?“
Enter: भारत का ‘Invisible Hand’!
और तभी आते हैं मंच पर ख़्वाजा आसिफ़, जो सीधे Geo News पर बोले:
“अफ़ग़ानिस्तान आज भारत के लिए छद्म युद्ध लड़ रहा है।”
वाह साहब! Ceasefire का क्रेडिट तो कोई ले ही नहीं रहा, लेकिन Blame के लिए भारत हमेशा रेडी रखा जाता है। पाकिस्तान की घरेलू समस्याओं के लिए भारत Default Villain बन चुका है – और अब अफगान बॉर्डर पर भी!

“Bomb-ready हैं हम” – आसिफ़ की धमकी
जब उनसे पूछा गया कि क्या काबुल पर पाकिस्तान ने हमला किया, तो ख़्वाजा साहब ने भावनात्मक अंदाज़ में देशभक्ति का रिमिक्स बजाया:
“मैं ज़्यादा नहीं कहूंगा, लेकिन हम अफग़ानिस्तान के किसी भी हिस्से पर बमबारी कर सकते हैं।”
और फिर बोले:
“अगर वो लड़ाई बढ़ाएंगे, तो हम पूरी ताकत से जवाब देंगे।”
यानी एक ओर युद्धविराम का नाटक चल रहा है, और दूसरी ओर वॉर मोड ऑन।
इस पूरे घटनाक्रम को अगर किसी ने कन्फ्यूजन का कोर्स बनाना हो, तो यही केस स्टडी बनेगा:
- युद्धविराम किसने मांगा – साफ़ नहीं
- भारत को दोष क्यों – कोई स्पष्ट वजह नहीं
- बमबारी की बात क्यों – शायद बस मज़ा आ रहा है
तेजस्वी बोले – 15 लो, सहनी बोले – 30 दो !” आखिरकार 18 पर हुई सुलह!