IRCTC घोटाला: लालू-तेजस्वी के खिलाफ आज आ सकता है बड़ा कोर्ट फैसला

आलोक सिंह
आलोक सिंह

बिहार की राजनीति में हलचल मचा देने वाले IRCTC घोटाले में आज दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट का अहम फैसला आने वाला है। लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत 5 लोग इस केस में आरोपी हैं। कोर्ट ने 29 मई को सुनवाई पूरी की थी और आज (7 अगस्त) अपना आदेश सुना सकती है। अगर दोष साबित हुआ, तो आरोपियों को 7 साल तक की सजा हो सकती है।

क्या है IRCTC घोटाला?

ये मामला उस समय का है जब लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे।

  • IRCTC के दो होटल (BNR रांची और BNR पुरी) का ठेका सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को दिया गया।

  • आरोप है कि इस ठेके के बदले लालू परिवार को पटना में 3 एकड़ कीमती जमीन मिली।

  • ज़मीन की डील 1.47 करोड़ में दिखाई गई जबकि सर्कल रेट 1.93 करोड़ और मार्केट रेट करीब 94 करोड़ था।

  • इसे कृषि भूमि दिखाकर स्टैम्प ड्यूटी में भी गड़बड़ी की गई।

तेजस्वी और राबड़ी देवी का नाम कैसे आया?

सीबीआई का आरोप है कि ये जमीन बाद में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की कंपनी “LARA Projects” को महज़ ₹65 लाख में ट्रांसफर की गई।
जबकि बाजार रेट के हिसाब से उसकी कीमत करीब ₹94 करोड़ थी। यानी कम रेट में हाई-वैल्यू जमीन ट्रांसफर कर घोटाले को अंजाम दिया गया।

सीबीआई की भूमिका और ट्रायल की स्थिति

  • CBI ने जुलाई 2017 में केस दर्ज किया था।

  • जांच के दौरान 12 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी हुई।

  • कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश करने की ज़िम्मेदारी CBI की है।

  • लालू यादव की ओर से दलील दी गई कि CBI के पास कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है, इसीलिए उन्हें बरी किया जाए।

चुनाव से पहले बड़ा सियासी मोड़

बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और तेजस्वी यादव जन आक्रोश यात्रा और RJD के प्रचार में जुटे हुए हैं।
अगर कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया, तो:

  • तेजस्वी का चुनाव लड़ना मुश्किल हो सकता है

  • विपक्ष को हमलावर होने का मौका मिलेगा

  • RJD के नैरेटिव को नुकसान पहुंच सकता है

लेकिन अगर बरी हुए, तो:

  • तेजस्वी इसे “राजनीतिक साजिश” बताकर समर्थन हासिल कर सकते हैं

  • जनता के बीच सहानुभूति लहर बनाई जा सकती है

फैसला राजनीति पर भारी

IRCTC घोटाले में आज का फैसला सिर्फ एक कोर्ट का ऑर्डर नहीं, बल्कि ये बिहार की राजनीति की दिशा तय कर सकता है।
लालू परिवार के लिए ये मामला “सत्ता बनाम सजा” का बन गया है।

“अब देखना ये है कि कोर्ट लालू परिवार की कहानी में दोष देखती है या निर्दोषी — लेकिन असर पूरे चुनावी मैदान पर ज़रूर पड़ेगा।”

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