गुलाबी कपड़ों में इंडोनेशिया की महिलाओं का झाड़ू प्रदर्शन

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

जकार्ता की सड़कों पर बुधवार को कुछ अलग ही नज़ारा था। सैकड़ों महिलाएं गुलाबी कपड़ों में, हाथ में झाड़ू लिए, संसद के सामने इकट्ठा हुईं — ये कोई त्योहार नहीं, बल्कि तगड़ा विरोध प्रदर्शन था।

झाड़ू का मतलब? “गंदगी साफ करनी है – सिस्टम की!”

इस विरोध की अगुवाई कर रही Indonesia Women’s Alliance ने कहा कि:

गुलाबी रंग बहादुरी का प्रतीक है और झाड़ू सरकार, सैन्य और पुलिस की दमनकारी नीतियों की गंदगी को साफ़ करने की हमारी इच्छा का प्रतीक है।”

यह प्रदर्शन सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं था, बल्कि इसमें एक गहरा राजनीतिक संदेश छुपा था — सरकार की नाकामी, फिजूलखर्ची और पुलिस की हिंसा के खिलाफ़ जनता की आवाज़।

प्रदर्शन की वजहें: भत्ता बढ़ा, महंगाई बढ़ी, जनता परेशान

  • सांसदों के भत्ते में अचानक हुई बढ़ोतरी

  • रोजमर्रा की चीज़ों की कीमतें आसमान छूने लगीं

  • आम आदमी का जीना मुश्किल

  • प्रदर्शन के दौरान एक बाइक टैक्सी ड्राइवर की मौत, पुलिस वाहन की टक्कर से

  • इसके बाद भड़की हिंसा

राष्ट्रपति प्रबोवो का दोहरा रवैया?

जब विरोध तेज हुआ, तब राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो ने कहा था कि वो बीजिंग में चीन की मिलिट्री परेड में नहीं जाएंगे, लेकिन बुधवार को वो वहीं से शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन के साथ फोटो खिंचवाते नजर आए।

इससे लोगों में और गुस्सा भड़क उठा। उन्हें लगा कि सरकार प्रदर्शनकारियों को नजरअंदाज कर रही है। हालांकि, प्रबोवो ने ये भी कहा कि सांसदों का भत्ता बढ़ाने वाला फैसला वापस लिया जाएगा – लेकिन इस पर अब भी भरोसा कम दिख रहा है।

सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा #PinkProtest

सोशल मीडिया पर गुलाबी कपड़ों में झाड़ू लगाती महिलाओं की तस्वीरें वायरल हो गई हैं। लोग इसे “साइलेंट लेकिन स्ट्रॉन्ग प्रोटेस्ट” कह रहे हैं।

यह सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, चेतावनी है

इंडोनेशिया की महिलाएं अब केवल घरेलू मुद्दों तक सीमित नहीं रहीं। उनकी झाड़ू अब सिस्टम को साफ करने के लिए उठी है।
यह विरोध आने वाले समय में साउथईस्ट एशिया की राजनीति पर गहरा असर डाल सकता है।

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