
बांग्लादेश में 12 फरवरी के आम चुनाव से पहले हालात तेजी से बिगड़ते नजर आ रहे हैं। इसी बीच भारत ने चटगाँव (Chattogram) स्थित Indian Visa Application Centre (IVAC) की सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला लिया है।
यह निर्णय ऐसे समय आया है जब बांग्लादेश में हिंसा, विरोध प्रदर्शन और भारत-विरोधी नारे सुर्खियों में हैं।
कौन थे शरीफ ओस्मान हादी, जिनकी हत्या से भड़की आग?
शरीफ ओस्मान हादी बांग्लादेश के उभरते युवा नेताओं में गिने जाते थे। वे पिछले वर्ष हुए छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलनों का प्रमुख चेहरा थे—आंदोलन, जिसने शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया।
- 12 दिसंबर: ढाका के बिजॉयनगर इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान सिर में गोली
- इलाज के लिए सिंगापुर भेजे गए
- 20 दिसंबर: इलाज के दौरान निधन
एक गोली ने सिर्फ एक नेता नहीं, पूरे देश की स्थिरता को हिला दिया।
Chattogram में IVAC बंद: क्या हुआ?
हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। चटगाँव में हालात उस समय और बिगड़े जब भारतीय उप-उच्चायुक्त के निवास पर पत्थरबाजी। IVAC और अन्य भारतीय प्रतिष्ठानों के आसपास तनाव। इसके बाद IVAC ने बयान जारी कर कहा, “सुरक्षा कारणों से 21 दिसंबर से सभी वीज़ा सेवाएँ बंद रहेंगी। स्थिति की समीक्षा के बाद ही पुनः संचालन पर फैसला होगा।”
यानी Visa Counter अभी Wait Mode में है।
सिलहट में High Alert: सुरक्षा कड़ी
20 दिसंबर को सिलहट में भी भारतीय सहायक उच्चायोग और Visa Centre की सुरक्षा बढ़ा दी गई।
सिलहट मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अनुसार, “Security tightening इसलिए की गई ताकि कोई तीसरा पक्ष हालात का फायदा न उठा सके।”

सरल शब्दों में—Politics भले गर्म हो, Diplomacy को ठंडा रखने की कोशिश है।
हादी का अंतिम संस्कार और India विरोधी नारे
हादी का अंतिम संस्कार ढाका विश्वविद्यालय परिसर में भारी सुरक्षा के बीच हुआ।
लेकिन माहौल शांत नहीं था।
प्रदर्शनकारियों के नारे थे:
- “दिल्ली या ढाका – ढाका, ढाका”
- “भाई हादी का खून बेकार नहीं जाएगा”
इन नारों ने साफ संकेत दिया कि जनाक्रोश अब अंतरराष्ट्रीय रंग ले रहा है।
Big Picture: India-Bangladesh Relations पर असर?
भारत का यह कदम डिप्लोमैटिक प्रेशर नहीं बल्कि Security-first Approach माना जा रहा है। Visa Services तब तक बंद रहेंगी जब तक हालात शांत नहीं होते, भारतीय प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती।
दूसरे शब्दों में—पहले सुरक्षा, फिर सुविधा।
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