
आजकल खुश रहना ऐसा स्किल बन गया है, जैसे नौकरी में Excel आना — सबको चाहिए, लेकिन आता किसी को नहीं। पर एक देसी टोटका है, जो हज़ारों साल से हमारे DNA में coded है:
“जिनको मैं बुरी लगती हूं, वो भी मुझे कोई गुड घी नहीं लगते।”
Translation:
“If you think I’m too much, I also think you’re too little buttered!”
सबको खुश करना छोड़ो, खुद से खुश रहो
जैसे ही आप सबको खुश करने की कोशिश करते हैं,
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कोई कहेगा: “बहुत बोलती हो”
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कोई बोलेगा: “कम क्यों बोलती हो?”
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और कुछ तो कहेंगे: “तुम्हारा वाइब toxic है”
But hey, Toxic तो बिस्किट में भी होता है, फिर भी खाते हो! इसलिए अपना vibe stable रखो — और दूसरों की राय को mute करो।
खुद से प्यार = असली लाइफहैक
Self-love का मतलब सिर्फ इंस्टा स्टोरी पर ‘Self Care Sunday’ डालना नहीं होता।
Self-love है:
खुद को किसी की approval के बिना accept करना
लोगों की लिमिटेड सोच को अपनी reality ना बनाना
और हर बार ये न सोचना कि “लोग क्या कहेंगे?”

क्योंकि लोग तो घी में भी चर्बी ढूंढ लेते हैं, फिर आप क्या चीज़ हैं!
सोशल स्वैग के लिए ये मंत्र नोट करो
आपका swag इस लाइन से ही डिफाइन हो सकता है:
“मैं सबको खुश करने के लिए नहीं बनी हूं, और सब मुझे पसंद करें, ये मेरा गोल भी नहीं है।”
बस अपने circle को ऐसा बनाओ जहां लोग आपको “घी” नहीं, गोल्ड स्टैंडर्ड मानें। बाकी जो digest नहीं कर पाते — वो शायद lactose intolerant हैं, not your problem.
मानसिक शांति चाहिए? Validation छोड़िए
जो लोग आपको नीचा दिखाते हैं, वो खुद insecure होते हैं
जो लोग आपकी खुशियों से चिढ़ते हैं, वो अक्सर खुद unhappy होते हैं
और जो लोग आपकी लाइफ के decisions पर सवाल उठाते हैं, वो अपनी लाइफ में ही doubtful होते हैं
तो आप क्यों परेशान हों?
“जिसे घी हजम नहीं होता, वो मक्खन पर भी सवाल करता है!”
“Be your own घी, smooth और rich – और किसी की राय की रोटी सेंकने का काम बंद कर दो।”
Khush रहना एक attitude है, और attitude वो होना चाहिए जो कहे:
“मैं अगर बुरी लगती हूं तो कोई बात नहीं, तुम भी मुझे कोई सुध-बुध वाली सलाह नहीं लगते!”
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