
केंद्र सरकार की कैबिनेट मीटिंग में आज किसानों और बुनियादी ढांचे के लिए बड़े फैसले लिए गए। जहां एक ओर खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी हुई, वहीं किसानों के लिए ब्याज सहायता योजना को भी हरी झंडी मिल गई। साथ ही, देश में दो बड़ी रेलवे लाइन और एक हाईवे परियोजना को भी मंजूरी दी गई है।
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खरीफ फसलों के लिए MSP में बंपर बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के लिए कई फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिया है। इसमें धान, मक्का, तूर, मूंग, उड़द और सोयाबीन जैसी मुख्य फसलें शामिल हैं।
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सरकार ने कुल ₹2,07,000 करोड़ की खरीफ MSP राशि को मंजूरी दी है।
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इससे किसानों की आय में इजाफा होगा और खेती लाभकारी व्यवसाय बन सकेगी।
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पिछले एक दशक में सरकार ने खरीफ फसलों की MSP में लगातार वृद्धि की है।
यह निर्णय किसानों को बाजार में बेहतर मूल्य दिलाने के लिए लिया गया है ताकि फसल का दाम लागत से अधिक मिल सके।
ब्याज सहायता योजना: लोन हुआ और भी आसान
सरकार ने ₹15,642 करोड़ रुपये की ब्याज सहायता योजना को मंजूरी दी है जिससे किसानों को अल्पकालीन ऋण पर सस्ता ब्याज मिलेगा।
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2 लाख रुपये तक का शॉर्ट टर्म लोन सिर्फ 4% ब्याज पर मिलेगा।
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समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को 3% अतिरिक्त छूट मिलेगी।
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यह योजना किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी।
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बागवानी, पशुपालन जैसे संबद्ध क्षेत्रों के लिए भी लोन की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
इससे किसानों को खेती में निवेश करने की सुविधा मिलेगी और साहूकारों के चंगुल से मुक्ति मिल सकेगी।
बडवेल–नेल्लोर हाईवे: सड़कों पर विकास की रफ्तार
कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश में 108 किलोमीटर लंबी चार लेन की बडवेल–नेल्लोर हाईवे परियोजना को मंजूरी दी है।
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कुल लागत: ₹3,653 करोड़
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BOT (Build-Operate-Transfer) मॉडल पर किया जाएगा निर्माण
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20 साल की रियायत अवधि होगी
यह हाईवे न सिर्फ आवाजाही में सुविधा देगा, बल्कि क्षेत्रीय व्यापार और निवेश को भी गति देगा।
वर्धा–बल्लारशाह रेल मार्ग: अब चलेगी दोगुनी रफ्तार
महाराष्ट्र में वर्धा से बल्लारशाह तक रेलवे लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी मिल गई है।
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इस परियोजना से माल और यात्री ट्रेनों की गति और संख्या दोनों बढ़ेंगी।
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इससे खनिज क्षेत्र में उत्पादन और वितरण को मजबूती मिलेगी।
यह प्रोजेक्ट आर्थिक दृष्टि से बेहद अहम है क्योंकि इससे मध्य भारत की माल ढुलाई और यात्रियों की सुविधा बेहतर होगी।
रतलाम–नागदा रेल लाइन: दो की जगह अब चार पटरी!
मध्य प्रदेश में रतलाम से नागदा तक 41 किलोमीटर की रेल लाइन को चौथी लाइन में बदला जाएगा।
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कुल लागत: ₹1,018 करोड़
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इससे पश्चिम भारत के यात्री मार्गों पर लोड कम होगा और देरी घटेगी।
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यात्रा की सुरक्षा और विश्वसनीयता दोनों में बढ़ोतरी होगी।
आंकड़ों में फैसले: रेलवे प्रोजेक्ट्स का ग्रैंड टोटल
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रतलाम–नागदा और वर्धा–बल्लारशाह रेलवे परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत ₹3,399 करोड़ है।
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इनका कार्य 2029–30 तक पूरा होने की संभावना है।
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यह मल्टीट्रैकिंग प्रोजेक्ट्स यात्रियों और माल की निर्बाध और तेज आवाजाही सुनिश्चित करेंगे।
एक फैसला, तीन बड़ी सौगातें
सरकार का ये कदम तीन स्तरों पर प्रभाव डालता है —
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किसानों की आर्थिक सुरक्षा
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इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास
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रोज़गार और स्थानीय विकास को बढ़ावा
जहां MSP और सस्ता लोन किसानों को संबल देगा, वहीं सड़क और रेल परियोजनाएं पूरे देश को कनेक्टिविटी का तोहफा देंगी।
खेती अब सिर्फ हल से नहीं, नीति से चल रही है!
इस बार किसानों के हिस्से आई राहत, देश के हिस्से आई तरक्की की बात।
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