फर्जी शिकायत वालों की खैर नहीं, ग्राम प्रधान भी बोले — अब आएगा मज़ा

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

“प्रधानजी के खिलाफ शिकायत करने का प्लान बना रहे हो? रुक जाओ चंपकलाल! अब ये 90’s की सीरियल नहीं है कि हर एपिसोड में कोई नया ट्विस्ट आ जाए। नया कानून है, नया सिस्टम है और अब झूठी शिकायत करने वाले को मिलेगा VIP ट्रीटमेंट… सीधा FIR और कोर्ट कचहरी का टिकट।”

शिकायत का अधिकार अब सिर्फ “स्थानीय” निवासियों को

नए नियमों के अनुसार, अब ग्राम प्रधान की शिकायत केवल उसी ग्रामसभा का निवासी ही कर सकता है — वो भी हलफनामा (affidavit) लगाकर। मतलब अब “बबलू चाचा” जो शहर में रहते हैं, वे अपनी भतीजी के कहने पर गांव आकर प्रधानजी पर भ्रष्टाचार का इल्जाम नहीं ठोंक सकते।

हलफनामा जरूरी — नहीं तो एंट्री मना है

अब शिकायत के साथ हलफनामा जरूरी कर दिया गया है — जो ये साबित करेगा कि शिकायतकर्ता गांव का ही रहने वाला है और शिकायत genuine है। वरना…

फर्जी शिकायत? तैयार रहिए धाराओं की बारिश के लिए!

अगर कोई शिकायत झूठी या मनगढ़ंत पाई गई — तो बस समझ लीजिए कि “सुसंगत धाराएं” लाइन में खड़ी हैं। जैसे ही पुष्टि हुई कि आपने गप्प उड़ाई, वैसे ही केस दर्ज।

अब प्रधानजी को बदनाम करने के चक्कर में खुद बने आरोपी!

कानून भी बोले — Enough is Enough!

गांव में चल रहे “शिकायत-प्रधान-वॉर” को रोकने के लिए यह कदम गेमचेंजर साबित हो सकता है। प्रधान अब बिना डर के विकास कार्य करेंगे, और झूठी शिकायतें करने वाले सोच-समझकर अगला कदम उठाएंगे।

“एक वोटर, दो EPIC? तेजस्वी जी, कौन-सा असली वाला आप हैं?”

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