गाजियाबाद की शेरनियां: जब साड़ी में आई ‘सिंगहमनी’ और लंगड़ा पड़ा बदमाश

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

गाजियाबाद की सड़कों पर सोमवार रात एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसे देख कर एक ही बात दिमाग में आई —
“ना सलमान, ना अजय… इस बार असली एक्शन लेडीज ने किया है।”
एक हिस्ट्रीशीटर बदमाश, एक चोरी की स्कूटी, और सामने सिर्फ महिला पुलिसकर्मी — कहानी में ट्विस्ट तो बनता था!

जब पिंक पेट्रोल नहीं, पिंक पॉवर एक्शन में आई

इस बार कोई “पुरुष DSP साहब” या “फिल्मी सीन” नहीं था। ACP उपासना पांडे और महिला थानाध्यक्ष रितु त्यागी के नेतृत्व में एक टीम जो पूरी तरह से महिलाओं की थी, वो रात को रूटीन पेट्रोलिंग पर थी — यानी सोचा था “कुछ खास नहीं होगा”।

लेकिन क्राइम ने भी आज ग़लत दिन चुन लिया था।

क्राइम + स्कूटी + ओवरकॉन्फिडेंस = गिरा जितेंद्र

जब संदिग्ध स्कूटी नजर आई, महिला टीम ने उसे रुकने को कहा। पर स्कूटी पर बैठा जितेंद्र उर्फ ‘भागमभाग स्पेशल’ समझा कि सिर्फ़ मूंछ वाले पुलिसवाले ही खतरनाक होते हैं। स्कूटी मोड़ी, भागा, और फिर… स्कूटी फिसली, बदमाश गिरा, बदमाश ने फायर किया, महिला पुलिस ने क्रॉसफायर किया और बदमाश को मिली एक ‘सर्जिकल बुलेट’ – सीधे पैर में!

‘लंगड़ा बदमाश’ बना हेडलाइन, डर बन गया नया ट्रेंड

जैसे ही जितेंद्र को गोली लगी, वो वहीं धराशायी हो गया। ये वही जितेंद्र था जिस पर 8 से ज्यादा लूट के केस थे, और नाम था विजयनगर थाने का हिस्ट्रीशीटर। ACP उपासना और टीम ने उसे वहीं काबू किया। और पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हो गया – “पहली बार गाजियाबाद में बिना किसी पुरुष पुलिसकर्मी के, महिला टीम ने एनकाउंटर किया।”

इतिहास लिखा गया, वो भी बुलेट पॉइंट में।

बदमाश के पास मिला Technology का Full Combo Pack

पकड़े गए जितेंद्र के पास से बरामद हुआ:

  • चोरी की स्कूटी (ब्रेक खराब, Karma अच्छा नहीं)

  • लूटा हुआ मोबाइल और टैब (Crime + OTT = Full Timepass)

  • एक देसी तमंचा (Amazon पे नहीं मिलता)

यानि अगर ये बदमाश जेल में ना होता, तो खुद का Vlog शुरू कर देता —
“How to loot in UP without a moustache cop catching you!”

Ladies in Uniform: साड़ी + सस्पेंस + सटीक निशाना = सुपरकॉप्स

इस ऑपरेशन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि नारी सिर्फ रक्षा कर सकती है, ये कहना Understatement है – नारी अब सीधे क्राइम को घुटनों पर ला रही है। और जिसने भी अब तक सोचा कि महिला पुलिस सिर्फ़ चौराहे पर हेलमेट चेक करने के लिए होती है —
उनके लिए जितेंद्र की लंगड़ी स्कूटी एक Reminder है।

बदमाश को अब ‘भाई साहब’ नहीं, ‘दीदी’ से डर लगेगा

कभी सोचा था कि कोई हिस्ट्रीशीटर बदमाश अस्पताल में लेटा होगा और सोच रहा होगा- “क्यों ना माफी मांग लूं… ACP दीदी से।” “पिछली बार तो मूंछों से डरा था, अब चोटी से डर लग रहा है।”  “भगवान कसम, अगली बार सिर्फ हेलमेट नहीं, हिम्मत भी पहन के निकलूंगा।”

UP में अब ‘Encounter Specialist’ का Gender नहीं, Action Matters!

गाजियाबाद की इस ऑल-वुमन एनकाउंटर टीम ने सिर्फ बदमाश नहीं गिराया, पूरे समाज की उस सोच को ध्वस्त किया जो कहती थी कि एनकाउंटर, रेस और रिस्क सिर्फ मर्दों का खेल है। इस बार बुलेट चली,
खबर बनी, और एक नए युग की शुरुआत हुई — Women-Led Policing 2.0

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