
26 दिन! बस 26 दिन। इतनी देर तो कुछ लोगों को OTP नहीं आता, लेकिन फ्रांस में प्रधानमंत्री बदल जाते हैं।
सेबेस्टियन लेकोर्नू, जिनका नाम सुनते ही लगता था कि शायद अब कोई स्थायित्व आएगा, उन्होंने राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों को “Merci, लेकिन Non Merci” कहते हुए इस्तीफ़ा दे दिया।
इस्तीफ़ा आया ब्रेकफ़ास्ट से पहले, नाश्ते में लोकतंत्र हज़म
सोमवार सुबह मैक्रों और लेकोर्नू की एक घंटे लंबी मीटिंग हुई — और शायद उस मीटिंग में सिर्फ दो चीज़ें तय हुईं:
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कॉफी कैसी होनी चाहिए
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अगला प्रधानमंत्री कौन होगा?
क्योंकि उसके बाद प्रेसिडेंशियल ऑफिस ने सीधा ऐलान कर दिया:
“लेकोर्नू इस डेमोक्रेसी ट्रेन से उतर चुके हैं।”
फ्रांस का ‘पद एक्सप्रेस’ – एक और PM आउट!
लेटेस्ट अपडेट ये है कि लेकोर्नू बीते दो साल में पांचवें पीएम थे।
मतलब:
“भारत में सीएम फेस ढूंढना जितना मुश्किल है, उतना ही फ्रांस में पीएम टिकाना!”
और वो भी तब, जब वो महज़ 26 दिन पहले ही पद पर आए थे। इतनी देर में तो कुछ नेता भाषण शुरू करते हैं!
पुरानी कैबिनेट, नया ड्रामा
लेकॉर्नू ने अपनी नई कैबिनेट में ज़्यादातर पुराने मंत्री रख लिए।
विपक्ष ने कहा – “वाह! नया बॉस, लेकिन वही पुराना WhatsApp फॉरवर्ड!”
यानी जनता को नई उम्मीद की जगह, री-साइकल्ड गवर्नेंस का स्वाद चखाया गया। और यही शायद उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक भूल बन गई।

“अब तो चुनाव चाहिए” – विपक्ष ने खींची तलवार
लेकॉर्नू के इस्तीफ़े के बाद, विपक्षी दल अब या तो Snap Elections या मैक्रों का Resignation मांग रहे हैं। नेशनल रैली पार्टी के सेबेस्टियन चेनू ने तो साफ़ कहा:
“संसद भंग करो या इस्तीफा दो – अब तुम्हें चुनना पड़ेगा मैक्रों जी!”
Translation: “2027 तक इंतज़ार? Non-sensé!”
मैक्रों का जवाब: “I’m not going anywhere!”
राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने सभी अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि 2027 तक वो राष्ट्रपति बने रहेंगे।
मतलब:
“जो भी हो जाए, मैं पॉपकॉर्न लेकर ड्रामा देखूंगा, इस्तीफ़ा नहीं दूंगा!”
फ्रांस का ‘प्रधानमंत्री पर्व’ जारी है
लेकॉर्नू का इस्तीफ़ा कोई साधारण घटना नहीं — ये उस राजनीतिक झंझावात की तस्वीर है, जो फ्रांस को लंबे समय से परेशान कर रहा है।
अब देखना है कि नया प्रधानमंत्री कब आता है, और कितने दिन टिकता है? या फिर अगले 26 दिन बाद फिर से यही हेडलाइन होगी?
“Breaking: फ्रांस के नए प्रधानमंत्री ने इस्तीफ़ा दे दिया!”