ट्रंप फिर एक्टिव: इस बार निशाने पर ‘इंडियन राइस’!

Jyoti Atmaram Ghag
Jyoti Atmaram Ghag

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर वही पुराना “America First” वाला तीर चलाया है—और इस बार उनका निशाना है भारत का चावल
ट्रंप का कहना है कि इंडिया अमेरिका में चावल डंप कर रहा है, जिससे अमेरिकी किसानों को भारी घाटा हो रहा है। मतलब, इंडिया का चावल इतना सस्ता है कि अमरीकी किसान बोल रहे हैं—“Profit गया खेत!”

क्यों लग सकता है टैरिफ?—कहानी चावल से ज्यादा पॉलिटिक्स की है

व्हाइट हाउस की एक मीटिंग में ट्रंप ने पूछा— “Why is India allowed to dump rice in the US?”
वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा—“Sir, trade agreement अभी फाइनल नहीं हुआ।”
ट्रंप बोले— “Then why are we buying their rice? Put tariffs!”

यानी सारा मामला चावल का कम, और अमेरिका में गिरती वोट बैंक की कीमतों का ज्यादा है।

ट्रंप का फॉर्मूला: ‘किसानों को खुश रखो, चावल को रोक दो’

उसी मीटिंग में ट्रंप ने अमेरिकी किसानों के लिए 12 अरब डॉलर का सपोर्ट पैकेज भी अनाउंस कर दिया।
Message साफ-“चिंता मत करो किसानों… बाकी दुनिया टैरिफ के नीचे आ जाएगी, आप आराम से बोआई करो।”

ट्रंप का कहना है कि भारत + वियतनाम + थाईलैंड + कनाडा के सस्ते कृषि आयात ने अमेरिकी मार्केट का मूड ऑफ कर दिया है। और उनका सबसे बड़ा वोट बैंक—किसान—इसी में नाराज़ है।

ट्रंप क्यों चिंतित?—किसी का वोट बैंक, किसी का चावल बैंक

ट्रंप के मुताबिक— भारत का चावल सस्ता- अमेरिकी किसानों का घाटा बड़ा- चुनाव नजदीक और वोट बैंक थोड़ा चिड़चिड़ा तो जाहिर है, टैरिफ लगाने की सोच भी उसी दिशा में जा रही है जहां पॉलिटिकल रिटर्न मिलता हो।

अगर टैरिफ लगा तो?—इंडिया के एक्सपोर्टर्स पर सीधा असर

अगर अमेरिका सच में चावल पर नए टैरिफ लगा देता है, तो… भारतीय चावल अमेरिका में महंगा हो जाएगा, डिमांड गिर सकती है। ग्लोबल मार्केट में हलचल होगी और भारत को वैकल्पिक बाजार खोजने पड़ेंगे।

लेकिन राजनीति में क्या होता है—यह ट्रंप से बेहतर कौन जानता है? आज बयान, कल ट्वीट, परसों U-turn… सब चलता है।

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