मास्टरजी बनेंगे Dog Census अफसर- प्रशासन का नया ‘डॉग मिशन’ प्लान

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

“टीचर्स पढ़ाएंगे नहीं… अब भौंकने गिनेंगे!” जी हां, अब मास्टर जी सिर्फ स्कूलों में नहीं बल्कि गलियों में भी मिलेंगे — वो भी रजिस्टर लिए, कुत्तों को गिनते हुए। प्रशासन ने फरमान जारी किया है कि कुत्तों की जनगणना के लिए शिक्षा विभाग की मदद ली जाएगी।

सरकारी आदेश आया – “हर वार्ड में गली-गली जाकर कुत्तों की संख्या नोट की जाए।” अब मास्टर जी उलझन में हैं कि बैलगाड़ी से चले जाएं या रजिस्टर फेंक कर ही भाग लें?

“Education to Enumeration” – नया सिलेबस!

“अभी तक बच्चों के नाम लिखते थे, अब कुत्तों के भी रोल नंबर बनेंगे?”
मास्टर जी की मानें तो उन्हें अब कुत्ते की उम्र, रंग, स्वभाव और भौंकने की फ्रिक्वेंसी तक नोट करनी होगी। एक मास्टरजी बोले –

“साहब, ये UPSC का प्रैक्टिस है या नया रियलिटी शो?”

ट्रेनिंग भी होगी – “Dog Behavior 101”

“अब CPD नहीं, CBD (Canine Behaviour & Data) ट्रेनिंग चाहिए”
टीचर्स को बताया गया कि किसी भी गली के डॉगी को देखकर डरना नहीं है, पहचान के लिए फोटो चाहिए।
“अगर कुत्ता दौड़ पड़े, तो फोटो नहीं सेल्फी लेनी है – यही है सरकार की उम्मीद।”

मास्टर जी बोले – “Ab to bhaukna bhi आ गया syllabus में!”

“हमसे पढ़ाना तो नहीं हो रहा, अब कुत्तों से दोस्ती करवाओगे?”
सरकार की योजना सुनकर सोशल मीडिया पर भी मीम्स की बाढ़ आ गई। एक यूज़र ने लिखा –

“अगली बार मिड-डे मील में Pedigree ना निकले, बस यही डर है!”

थोड़ा गंभीर भी सोचिए – System में Teacher या Joker?

“क्या टीचर्स का काम बस फार्म भरना रह गया है?”
शिक्षा विभाग से जुड़े लोग सवाल उठा रहे हैं – “क्या अब बच्चों की शिक्षा से ज्यादा ज़रूरी हो गई है कुत्तों की गिनती?”
टीचर यूनियन ने कहा – “जब कुत्ते A for Apple पढ़ने लगें, तब बुलाइएगा मास्टर जी को!”

शिक्षा और प्रशासन की अनोखी जुगलबंदी अब धरातल पर उतर चुकी है। देश चल रहा है… “सिर्फ भौंक नहीं रहे, गिन भी रहे हैं!”
और मास्टर जी… “क्लासरूम से निकलकर अब कुत्तों की क्लास ले रहे हैं।”

राज कुंद्रा-शिल्पा शेट्टी का “किडनी ऑफर या स्टारडम की स्कीम?”

हास्य के लिए लिखा गया लेख है।   

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