
रविवार को श्रीनगर की डल झील में जब सफाईकर्मी usual algae और प्लास्टिक ढूंढ रहे थे, तब झील ने ऐसा राज़ उगला कि पूरी वादी सन्न रह गई। मजदूरों को झील से मिला ‘मिसाइल का टुकड़ा’ – और वो भी पाकिस्तान के फतह-1 मिसाइल का!
अब तक लोग डल झील को “रोमांस और शिकारा” का हॉटस्पॉट मानते थे, पर अब यह जगह एक military mystery का नया epicenter बन गई है।
जवाबी हमला और मिसाइल की गूंज
10 मई को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इसी के दौरान पाक की तरफ से भी मिसाइल छोड़े गए – एक मिसाइल शायद टारगेट मिस कर गई और झील में प्लॉप हो गई। सवाल ये नहीं कि फतह-1 झील में कैसे गिरा, सवाल ये है कि विस्फोट करने की पाकिस्तानी योजना को “स्वच्छ भारत” ने कैसे बेनकाब कर दिया?”
मिसाइल नहीं, ‘तैरता हुआ सबूत’ मिला है!
पुलिस और सेना की जांच में सामने आया कि ये टुकड़ा Fatah-1 Guided Missile का हिस्सा है, जिसे पाकिस्तान ने ऑपरेशन के दौरान लॉन्च किया था। यानी पाकिस्तान ने न सिर्फ LOC पार किया, बल्कि झील के नीचे भी कोशिश की!
शुक्र है ये मलबा शिकारे से टकरा नहीं गया – वरना टूरिज्म की जगह टेररिज्म की ब्रांडिंग हो जाती।
डल झील में डूबा राज़: अब टूरिस्ट कहेंगे – पानी के नीचे भी ‘Action’ है
डल झील अब सिर्फ रोमांस, बोटिंग और कविताओं की नहीं, बल्कि जियोपॉलिटिक्स की जगह बन चुकी है। हो सकता है आने वाले दिनों में नया टूर पैकेज लॉन्च हो:
“मिसाइल मलबा दर्शन – शांति के साथ सस्पेंस फ्री”
झील में बम, फिर भी ‘शांति’ का नाम
जब स्वच्छता अभियान में निकले मिसाइल के टुकड़े, तब समझो, दुनिया बदल रही है – और झीलें भी।
इस घटना के बाद “स्वच्छ भारत मिशन” को अब नया टैग मिल सकता है “मिशन क्लीन एंड डिफेंस इंटेलिजेंस” क्योंकि ये सिर्फ गंदगी ही नहीं, बल्कि जासूसी का मलबा भी निकाल रहा है।
डल झील ने बता दिया कि शांति की सतह पर भी जंग की परछाइयाँ तैर रही हैं। और अब से जब कोई पूछे – “डल झील में क्या खास है?”
तो कहिए – “शिकारा के नीचे फतह-1 की कहानी छुपी है!”
वंदे भारत स्पीड से जो देते थे मां की गाली…अब नौ दिन जय माता दी