
मध्य प्रदेश में 21 मासूम बच्चों की मौत ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। कारण? खांसी का इलाज करने वाला कोल्ड्रिफ कफ सिरप, जिसे तमिलनाडु की श्रीसन फार्मा ने बनाया था। जी हां, वही दवा जो मम्मी-पापा बच्चों को राहत के लिए देती हैं, वही अब “खामोशी” का कारण बन गई।
गिरफ्तारी, दस्तावेज जब्ती और Pharma Panic
MP पुलिस ने कंपनी के मालिक एस. रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है। छिंदवाड़ा के एसपी अजय पांडे के मुताबिक, सिरप में खतरनाक मिलावट की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस ने कंपनी के ऑफिस पर छापा मारकर कागज़ात कब्जे में लिए और अभी कई और गिरफ्तारी की संभावना जताई है।
Note: अगर कोई आपको सिरप मुफ्त में भी दे, तो भी ना लें। ये ‘Buy 1, Get 21 मौतें Free’ ऑफर में आता है।
लैब रिपोर्ट: फार्मा या फारमूलों का फेर?
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि सिरप की निर्माण प्रक्रिया में GMP (Good Manufacturing Practices) का चूरन बना दिया गया। घटिया क्वालिटी की सामग्री और सुरक्षा मानकों की धज्जियाँ उड़ाते हुए यह सीरप बाज़ार में उतारा गया।
हेल्थ सिस्टम पर सवाल, रूल बुक में होल
इस घटना ने भारत के हेल्थ रेगुलेटरी सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सवाल ये है कि जब QC (Quality Control) मौजूद है, तो ये “Quality Collapse” कैसे हो गया?
हमारे बच्चे गिनी पिग नहीं हैं! – परिवारों का आक्रोश
पीड़ित परिवारों का ग़म और गुस्सा सड़कों पर छलक गया। कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए। लोगों का कहना है कि एक सिरप के नाम पर उनके बच्चों को ज़हर दे दिया गया। कुछ तो इसे “Medical Manslaughter” बता रहे हैं।
सरकार की अपील और ऐक्शन मोड
सरकार ने तत्काल प्रभाव से कोल्ड्रिफ कफ सिरप के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है और सभी मेडिकल दुकानों को स्टॉक हटाने का आदेश दिया गया है। साथ ही मुआवजे का ऐलान किया गया है — पर सवाल वही है:
क्या मुआवज़ा माँ-बाप की गोद खाली होने की भरपाई कर सकता है?

लोगों से अपील: ये “सीरप ऑफ डेथ” न खरीदें
अगर आपके पास कोल्ड्रिफ कफ सिरप है:
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तुरंत इस्तेमाल बंद करें
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बच्चों को चेकअप के लिए डॉक्टर के पास ले जाएँ
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मेडिकल अथॉरिटी को सिरप की जानकारी दें
दवा का नाम “कोल्डरिफ” है, लेकिन असर “लाइफरिफ” जैसा निकला — एक बार पिया, तो वापस नहीं आए। इस देश में मेडिकल लापरवाही अब खांसी से नहीं, अफ़सोस से जान ले रही है।
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