“चर्च में बम”, दमिश्क का दिल दहला – ISIS फिर सक्रिय?

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

सीरिया की राजधानी दमिश्क से रविवार को दिल दहला देने वाली खबर आई, जब सेंट एलियास ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च में एक भीषण आत्मघाती हमला हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावर पहले चर्च में घुसा, श्रद्धालुओं पर अंधाधुंध फायरिंग की, और फिर खुद को उड़ा लिया

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9 लोगों की मौत, 13 घायल – डर और मातम का माहौल

हमले में 9 लोगों की जान चली गई, जबकि 13 अन्य घायल हुए हैं। धमाके के बाद चर्च परिसर में अफरा-तफरी मच गई। आसपास बिखरा हुआ सामान और चीख-पुकार के दृश्य हर किसी को झकझोर देने वाले थे।

सीरियाई सुरक्षा बलों की तैनाती, इलाके की घेराबंदी

सरकारी न्यूज एजेंसी SANA के मुताबिक, घटना के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने पूरे डुवैला इलाके को घेर लिया। राहत-बचाव कार्य जोरों पर है और NGO कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच चुके हैं

ISIS का दावा, गृह मंत्रालय ने की पुष्टि

सीरिया के गृह मंत्रालय ने पुष्टि की है कि हमलावर ISIS से जुड़ा था। उसने पहले फायरिंग की और फिर खुद को विस्फोटक से उड़ा लिया। यह हमला सीरियाई प्रशासन के लिए गंभीर चेतावनी माना जा रहा है, खासकर राजधानी जैसे हाई-सिक्योरिटी इलाके में।

आतंक का मकसद क्या है?

एक ऐसे समय में जब ईरान-इजरायल युद्ध वैश्विक फोकस में है, और पूरा मध्य-पूर्व सुलग रहा है – इस हमले ने सीरिया को एक बार फिर आतंक के मोर्चे पर ला खड़ा किया है। सवाल उठता है – क्या यह केवल सीरिया तक सीमित है या इसके पीछे एक बड़ा क्षेत्रीय समीकरण है?

एक चर्च, एक धमाका, और फिर वही सवाल – कब रुकेगा आतंक?

दमिश्क का चर्च हमला केवल एक धार्मिक स्थल पर हिंसा नहीं है – यह एक सांस्कृतिक, मानवीय और राजनीतिक हमला है। जबकि ISIS को खत्म हुआ मान लिया गया था, यह हमला एक बार फिर उस सच्चाई को सामने लाता है कि आतंकवाद कभी पूरी तरह समाप्त नहीं होता, वह केवल “रुक” जाता है।

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